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#भटकतेदरबदर #ईश्वर #शांति #विचार #तलाश

White रूपमाला - मदन छन्द  2122    2122     2122   21 देखने की लालसा से, जा रहा हूँ धाम । जानता रहते वहीं हैं , आज अपने राम ।। दिव्य दर्शन भी मिलेंगे , जो करूंगा ध्यान । हैं वही आराध्य मेरे, मानता भगवान ।। रूप उसने लाख बदले, पर वही पहचान । कृष्ण राधा राम सीता , हम नहीं अंजान ।। रूप कल्की का धरो फिर, और लो अवतार । आप ही हो इस जगत के , आज पालनहार ।। अब नही देरी करो प्रभु , बढ़ गये शैतान । आज करके ध्यान तेरा , माँगते वरदान ।। रोक लो नर जाति को अब , कर रहा संहार । हैं तुम्हारे भक्त सारे , आज इस संसार ।। देव दानव और कण-कण , में तुम्हारा वास । फिर भटकते आज क्यों है , आपके ही दास ।। राह उनको भी दिखाओ , भूलते जो राह । नित्य सेवा साधना में , जो रखे हैं चाह ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White रूपमाला - मदन छन्द 
2122    2122     2122   21
देखने की लालसा से, जा रहा हूँ धाम ।
जानता रहते वहीं हैं , आज अपने राम ।।
दिव्य दर्शन भी मिलेंगे , जो करूंगा ध्यान ।
हैं वही आराध्य मेरे, मानता भगवान ।।

रूप उसने लाख बदले, पर वही पहचान ।
कृष्ण राधा राम सीता , हम नहीं अंजान ।।
रूप कल्की का धरो फिर, और लो अवतार ।
आप ही हो इस जगत के , आज पालनहार ।।

अब नही देरी करो प्रभु , बढ़ गये शैतान ।
आज करके ध्यान तेरा , माँगते वरदान ।।
रोक लो नर जाति को अब , कर रहा संहार ।
हैं तुम्हारे भक्त सारे , आज इस संसार ।।

देव दानव और कण-कण , में तुम्हारा वास ।
फिर भटकते आज क्यों है , आपके ही दास ।।
राह उनको भी दिखाओ , भूलते जो राह ।
नित्य सेवा साधना में , जो रखे हैं चाह ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

रूपमाला - मदन छन्द  2122    2122     2122   21 देखने की लालसा से, जा रहा हूँ धाम । जानता रहते वहीं हैं , आज अपने राम ।। दिव्य दर्शन भी मिलें

15 Love

#बिन_दौलत_के_जिंदगी #दोहे #sandiprohila  बिन दौलत के जिंदगी (दोहे)

बिन दौलत के जिंदगी, होती है दुश्वार।
ताने भी भरपूर हों, जीवन ये बेकार।।

बिन दौलत के जिंदगी, करती है हैरान।
मन मारे भी रह रहे, बिखरे हैं अरमान।।

कलह रहे घर-बार में, चुभते शूल समान।
जीवन यापन हो कठिन, जैसे कसी कमान।।

रह जाते कुछ काम हैं, बिन दौलत के जान।
होती है पीड़ा बड़ी, खोता खुद का मान।।

असमंजस में बीतता, जीवन का यह भार।
जैसे पड़ती हो कभी, कुदरत की है मार।।

कुछ करते अपराध भी, पाने की जो चाह।
गलत तरीके ढूंँढते, है जीवन की राह।।

बिन दौलत के जिंदगी, होती है अभिशाप।
इससे जो भी है घिरा, उसको है संताप।।

तड़प रही है जिंदगी, भरने को अब पेट।
कैसे भी कुछ भी मिले, करते हैं आखेट।।

बिन दौलत के जिंदगी, होती है गुमराह।
कदम भटकते राह से, कहीं न इसकी थाह।।
............................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#बिन_दौलत_के_जिंदगी #दोहे बिन दौलत के जिंदगी (दोहे) बिन दौलत के जिंदगी, होती है दुश्वार। ताने भी भरपूर हों, जीवन ये बेकार।। बिन दौलत के ज

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#भटकतेदरबदर #ईश्वर #शांति #विचार #तलाश

White रूपमाला - मदन छन्द  2122    2122     2122   21 देखने की लालसा से, जा रहा हूँ धाम । जानता रहते वहीं हैं , आज अपने राम ।। दिव्य दर्शन भी मिलेंगे , जो करूंगा ध्यान । हैं वही आराध्य मेरे, मानता भगवान ।। रूप उसने लाख बदले, पर वही पहचान । कृष्ण राधा राम सीता , हम नहीं अंजान ।। रूप कल्की का धरो फिर, और लो अवतार । आप ही हो इस जगत के , आज पालनहार ।। अब नही देरी करो प्रभु , बढ़ गये शैतान । आज करके ध्यान तेरा , माँगते वरदान ।। रोक लो नर जाति को अब , कर रहा संहार । हैं तुम्हारे भक्त सारे , आज इस संसार ।। देव दानव और कण-कण , में तुम्हारा वास । फिर भटकते आज क्यों है , आपके ही दास ।। राह उनको भी दिखाओ , भूलते जो राह । नित्य सेवा साधना में , जो रखे हैं चाह ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White रूपमाला - मदन छन्द 
2122    2122     2122   21
देखने की लालसा से, जा रहा हूँ धाम ।
जानता रहते वहीं हैं , आज अपने राम ।।
दिव्य दर्शन भी मिलेंगे , जो करूंगा ध्यान ।
हैं वही आराध्य मेरे, मानता भगवान ।।

रूप उसने लाख बदले, पर वही पहचान ।
कृष्ण राधा राम सीता , हम नहीं अंजान ।।
रूप कल्की का धरो फिर, और लो अवतार ।
आप ही हो इस जगत के , आज पालनहार ।।

अब नही देरी करो प्रभु , बढ़ गये शैतान ।
आज करके ध्यान तेरा , माँगते वरदान ।।
रोक लो नर जाति को अब , कर रहा संहार ।
हैं तुम्हारे भक्त सारे , आज इस संसार ।।

देव दानव और कण-कण , में तुम्हारा वास ।
फिर भटकते आज क्यों है , आपके ही दास ।।
राह उनको भी दिखाओ , भूलते जो राह ।
नित्य सेवा साधना में , जो रखे हैं चाह ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

रूपमाला - मदन छन्द  2122    2122     2122   21 देखने की लालसा से, जा रहा हूँ धाम । जानता रहते वहीं हैं , आज अपने राम ।। दिव्य दर्शन भी मिलें

15 Love

#बिन_दौलत_के_जिंदगी #दोहे #sandiprohila  बिन दौलत के जिंदगी (दोहे)

बिन दौलत के जिंदगी, होती है दुश्वार।
ताने भी भरपूर हों, जीवन ये बेकार।।

बिन दौलत के जिंदगी, करती है हैरान।
मन मारे भी रह रहे, बिखरे हैं अरमान।।

कलह रहे घर-बार में, चुभते शूल समान।
जीवन यापन हो कठिन, जैसे कसी कमान।।

रह जाते कुछ काम हैं, बिन दौलत के जान।
होती है पीड़ा बड़ी, खोता खुद का मान।।

असमंजस में बीतता, जीवन का यह भार।
जैसे पड़ती हो कभी, कुदरत की है मार।।

कुछ करते अपराध भी, पाने की जो चाह।
गलत तरीके ढूंँढते, है जीवन की राह।।

बिन दौलत के जिंदगी, होती है अभिशाप।
इससे जो भी है घिरा, उसको है संताप।।

तड़प रही है जिंदगी, भरने को अब पेट।
कैसे भी कुछ भी मिले, करते हैं आखेट।।

बिन दौलत के जिंदगी, होती है गुमराह।
कदम भटकते राह से, कहीं न इसकी थाह।।
............................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#बिन_दौलत_के_जिंदगी #दोहे बिन दौलत के जिंदगी (दोहे) बिन दौलत के जिंदगी, होती है दुश्वार। ताने भी भरपूर हों, जीवन ये बेकार।। बिन दौलत के ज

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