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तुम कौन हो चले आते हो झांकने मेरे मन आँगन में ज़मी यादों को! चले आते हो उद्वेलित करने मेरे अंतर्द्वंद को, और मेरे विगत को मेरे सामने खड़ा कर, फिर, मुझे छोड जाते हो मेरी तन्हाइयों और मेरी मायूसियों में भटकता छोडकर... और तन्हा और अकेला!!!! ©हिमांशु Kulshreshtha

#कविता  तुम कौन हो
चले आते हो झांकने
मेरे मन आँगन में ज़मी
यादों को!
चले आते हो उद्वेलित करने
मेरे अंतर्द्वंद को,
और मेरे विगत को मेरे
सामने खड़ा कर,
फिर, मुझे छोड जाते हो
मेरी तन्हाइयों और
मेरी मायूसियों में
भटकता छोडकर... 
और तन्हा और अकेला!!!!

©हिमांशु Kulshreshtha

कौन हो तुम

15 Love

#विचार #sad_shayari  White प्रकृति की हासिन वादियों ने हमसें एक सवाल क्या ? तुम कौन हो कहीं तुम वही लुटेरा निर्दयी निर्मोही हत्यारा तो नही हो जो मुझे डसने आये हों । कहीं तुम मेरा चीरहरण करने वाला तो नही हों । कहीं तुम मेरा शोषण करने वाला बेशर्म तो नही मैं निशब्द हूँ उनके सवालों से मैं कौन हूँ ? भला

©prem yadav

#sad_shayari मैं कौन हूँ ?

144 View

#कॉमेडी

'कॉमेडी जोक्स'तुम मेरे कौन हो।

108 View

#शायरी #ODIWorldCup2011 #gautamgambhir #MSDhoni #India

World Cup 2011 में INDIA की जीत का असली हीरो कौन था Gambhir बनाम Dhoni #ODIWorldCup2011 #India #gautamgambhir #MSDhoni

126 View

#वीराने_से_रास्ते #nojotohindipoetry #sandiprohila #nojotohindi  वीराने से रास्ते

देख हुआ भयभीत था,
वो वीराने से रास्ते।
एक परिंदा तक नहीं था,
मेरी हिम्मत के वास्ते।

चौराहे पर मैं खड़ा था,
कहीं जाने के वास्ते।
थम चुके थे पैर भी मेरे,
देख ये वीराने रास्ते।

किससे पूछूँ पता मंजिल का,
कौन मुझको बताएगा।
डरा सहमा सा मैं खड़ा था,
कौन हिम्मत दे जाएगा।

बाकी तरफ भी दूर-दूर तक,
सिर्फ थे वीराने से रास्ते।
हिम्मत कर मैं बढ़ चला था,
अपने मंजिल के वास्ते।

कौन सी डगर को बढ़ चला मैं,
सब थे अनजाने से रास्ते।
पूरब, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण,
सभी थे वीराने से रास्ते।

चलते-चलते तभी रुका मैं,
जब मंजिल थी मेरे सामने।
वीरानों को छोड़ आया मैं,
जो लगे थे मुझको थामने।
.....................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#वीराने_से_रास्ते #nojotohindi #nojotohindipoetry वीराने से रास्ते देख हुआ भयभीत था, वो वीराने से रास्ते। एक परिंदा तक नहीं था, मेरी हिम्

216 View

White पुराने जमाने में जब हॉस्पिटल नहीं होते थे.. तो बच्चे की नाभि कौन काटता था, मतलब पिता से भी पहले कौनसी जाति बच्चे को स्पर्श करती थी? आपका मुंडन करते वक्त कौन स्पर्श करता था? शादी के मंडप में नाईं और धोबन भी होती थी। लड़की का पिता, लड़के के पिता से इन दोनों के लिए साड़ी की मांग करता था। वाल्मीकियों के बनाये हुए सूप से ही छठ व्रत होता हैं! आपके घर में कुँए से पानी कौन लाता था? भोज के लिए पत्तल कौन सी जाति बनाती थी? किसने आपके कपड़े धोये? डोली अपने कंधे पर कौन मीलो-मीलो दूर से लाता था और उनके जिन्दा रहते किसी की मजाल न थी कि आपकी बिटिया को छू भी दे। किसके हाथो से बनाये मिटटी की सुराही से जेठ महीने में आपकी आत्मा तृप्त हो जाती थी? कौन आपकी झोपड़ियां बनाता था? कौन फसल लाता था? कौन आपकी चिता जलाने में सहायक सिद्ध होता हैं? जाट समाज से होली थाम एव मकान निर्माण से ईंट रखवाना। जीवन से लेकर मरण तक सब सबको कभी न कभी स्पर्श करते थे। . . . *और कहते है कि छुआछूत था।* *यह छुआछूत की बीमारी अंग्रेजों ने देश को तोड़ने के लिए एक साजिश के तहत डाली थी।* *जातियां थी, पर उनके मध्य एक प्रेम की धारा भी बहती थी, जिसका कभी कोई उल्लेख नहीं करता।* *अगर जातिवाद होता तो राम कभी सबरी के झूठे बेर ना खाते,* *बाल्मीकि के द्वारा रचित रामायण कोई नहीं पढता,* *कृष्ण कभी सुदामा के पैर ना धोते!* जाति में मत टूटिये, धर्म से जुड़िये.. देश जोड़िये.. सभी को अवगत कराएं! *सभी जातियाँ सम्माननीय हैं...* * एक भारत, श्रेष्ठ भारत।*. ©भारद्वाज

#पुराने #love_shayari  White पुराने जमाने में जब हॉस्पिटल नहीं होते थे.. तो बच्चे की नाभि कौन काटता था,
मतलब पिता से भी पहले कौनसी जाति बच्चे को स्पर्श करती थी?
आपका मुंडन करते वक्त कौन स्पर्श करता था?
शादी के मंडप में नाईं और धोबन भी होती थी।
लड़की का पिता, लड़के के पिता से इन दोनों के लिए साड़ी की मांग करता था।
वाल्मीकियों के बनाये हुए सूप से ही छठ व्रत होता हैं!
आपके घर में कुँए से पानी कौन लाता था?
भोज के लिए पत्तल कौन सी जाति बनाती थी?
किसने आपके कपड़े धोये?
डोली अपने कंधे पर कौन मीलो-मीलो दूर से लाता था और उनके जिन्दा रहते किसी की मजाल न थी कि आपकी बिटिया को छू भी दे।
किसके हाथो से बनाये मिटटी की सुराही से जेठ महीने में आपकी आत्मा तृप्त हो जाती थी?
कौन आपकी झोपड़ियां बनाता था?
कौन फसल लाता था?
कौन आपकी चिता जलाने में सहायक सिद्ध होता हैं? जाट समाज से होली थाम एव मकान निर्माण से ईंट रखवाना।
जीवन से लेकर मरण तक सब सबको कभी न कभी स्पर्श करते थे।
. . . *और कहते है कि छुआछूत था।*
*यह छुआछूत की बीमारी  अंग्रेजों ने देश को तोड़ने के लिए एक साजिश के तहत डाली थी।*
*जातियां थी, पर उनके मध्य एक प्रेम की धारा भी बहती थी, जिसका कभी कोई  उल्लेख नहीं करता।*
*अगर जातिवाद होता तो राम कभी सबरी के झूठे बेर ना खाते,*
*बाल्मीकि के द्वारा रचित रामायण कोई नहीं पढता,*
*कृष्ण कभी सुदामा के पैर ना धोते!*
जाति में मत टूटिये, धर्म से जुड़िये..
देश जोड़िये.. सभी को अवगत कराएं!
*सभी जातियाँ सम्माननीय हैं...*
* एक भारत, श्रेष्ठ भारत।*.

©भारद्वाज

#love_shayari #पुराने जमाने में जब हॉस्पिटल नहीं होते थे.. तो बच्चे की नाभि कौन काटता था, मतलब पिता से भी पहले कौनसी जाति बच्चे को स्पर्श कर

11 Love

तुम कौन हो चले आते हो झांकने मेरे मन आँगन में ज़मी यादों को! चले आते हो उद्वेलित करने मेरे अंतर्द्वंद को, और मेरे विगत को मेरे सामने खड़ा कर, फिर, मुझे छोड जाते हो मेरी तन्हाइयों और मेरी मायूसियों में भटकता छोडकर... और तन्हा और अकेला!!!! ©हिमांशु Kulshreshtha

#कविता  तुम कौन हो
चले आते हो झांकने
मेरे मन आँगन में ज़मी
यादों को!
चले आते हो उद्वेलित करने
मेरे अंतर्द्वंद को,
और मेरे विगत को मेरे
सामने खड़ा कर,
फिर, मुझे छोड जाते हो
मेरी तन्हाइयों और
मेरी मायूसियों में
भटकता छोडकर... 
और तन्हा और अकेला!!!!

©हिमांशु Kulshreshtha

कौन हो तुम

15 Love

#विचार #sad_shayari  White प्रकृति की हासिन वादियों ने हमसें एक सवाल क्या ? तुम कौन हो कहीं तुम वही लुटेरा निर्दयी निर्मोही हत्यारा तो नही हो जो मुझे डसने आये हों । कहीं तुम मेरा चीरहरण करने वाला तो नही हों । कहीं तुम मेरा शोषण करने वाला बेशर्म तो नही मैं निशब्द हूँ उनके सवालों से मैं कौन हूँ ? भला

©prem yadav

#sad_shayari मैं कौन हूँ ?

144 View

#कॉमेडी

'कॉमेडी जोक्स'तुम मेरे कौन हो।

108 View

#शायरी #ODIWorldCup2011 #gautamgambhir #MSDhoni #India

World Cup 2011 में INDIA की जीत का असली हीरो कौन था Gambhir बनाम Dhoni #ODIWorldCup2011 #India #gautamgambhir #MSDhoni

126 View

#वीराने_से_रास्ते #nojotohindipoetry #sandiprohila #nojotohindi  वीराने से रास्ते

देख हुआ भयभीत था,
वो वीराने से रास्ते।
एक परिंदा तक नहीं था,
मेरी हिम्मत के वास्ते।

चौराहे पर मैं खड़ा था,
कहीं जाने के वास्ते।
थम चुके थे पैर भी मेरे,
देख ये वीराने रास्ते।

किससे पूछूँ पता मंजिल का,
कौन मुझको बताएगा।
डरा सहमा सा मैं खड़ा था,
कौन हिम्मत दे जाएगा।

बाकी तरफ भी दूर-दूर तक,
सिर्फ थे वीराने से रास्ते।
हिम्मत कर मैं बढ़ चला था,
अपने मंजिल के वास्ते।

कौन सी डगर को बढ़ चला मैं,
सब थे अनजाने से रास्ते।
पूरब, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण,
सभी थे वीराने से रास्ते।

चलते-चलते तभी रुका मैं,
जब मंजिल थी मेरे सामने।
वीरानों को छोड़ आया मैं,
जो लगे थे मुझको थामने।
.....................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#वीराने_से_रास्ते #nojotohindi #nojotohindipoetry वीराने से रास्ते देख हुआ भयभीत था, वो वीराने से रास्ते। एक परिंदा तक नहीं था, मेरी हिम्

216 View

White पुराने जमाने में जब हॉस्पिटल नहीं होते थे.. तो बच्चे की नाभि कौन काटता था, मतलब पिता से भी पहले कौनसी जाति बच्चे को स्पर्श करती थी? आपका मुंडन करते वक्त कौन स्पर्श करता था? शादी के मंडप में नाईं और धोबन भी होती थी। लड़की का पिता, लड़के के पिता से इन दोनों के लिए साड़ी की मांग करता था। वाल्मीकियों के बनाये हुए सूप से ही छठ व्रत होता हैं! आपके घर में कुँए से पानी कौन लाता था? भोज के लिए पत्तल कौन सी जाति बनाती थी? किसने आपके कपड़े धोये? डोली अपने कंधे पर कौन मीलो-मीलो दूर से लाता था और उनके जिन्दा रहते किसी की मजाल न थी कि आपकी बिटिया को छू भी दे। किसके हाथो से बनाये मिटटी की सुराही से जेठ महीने में आपकी आत्मा तृप्त हो जाती थी? कौन आपकी झोपड़ियां बनाता था? कौन फसल लाता था? कौन आपकी चिता जलाने में सहायक सिद्ध होता हैं? जाट समाज से होली थाम एव मकान निर्माण से ईंट रखवाना। जीवन से लेकर मरण तक सब सबको कभी न कभी स्पर्श करते थे। . . . *और कहते है कि छुआछूत था।* *यह छुआछूत की बीमारी अंग्रेजों ने देश को तोड़ने के लिए एक साजिश के तहत डाली थी।* *जातियां थी, पर उनके मध्य एक प्रेम की धारा भी बहती थी, जिसका कभी कोई उल्लेख नहीं करता।* *अगर जातिवाद होता तो राम कभी सबरी के झूठे बेर ना खाते,* *बाल्मीकि के द्वारा रचित रामायण कोई नहीं पढता,* *कृष्ण कभी सुदामा के पैर ना धोते!* जाति में मत टूटिये, धर्म से जुड़िये.. देश जोड़िये.. सभी को अवगत कराएं! *सभी जातियाँ सम्माननीय हैं...* * एक भारत, श्रेष्ठ भारत।*. ©भारद्वाज

#पुराने #love_shayari  White पुराने जमाने में जब हॉस्पिटल नहीं होते थे.. तो बच्चे की नाभि कौन काटता था,
मतलब पिता से भी पहले कौनसी जाति बच्चे को स्पर्श करती थी?
आपका मुंडन करते वक्त कौन स्पर्श करता था?
शादी के मंडप में नाईं और धोबन भी होती थी।
लड़की का पिता, लड़के के पिता से इन दोनों के लिए साड़ी की मांग करता था।
वाल्मीकियों के बनाये हुए सूप से ही छठ व्रत होता हैं!
आपके घर में कुँए से पानी कौन लाता था?
भोज के लिए पत्तल कौन सी जाति बनाती थी?
किसने आपके कपड़े धोये?
डोली अपने कंधे पर कौन मीलो-मीलो दूर से लाता था और उनके जिन्दा रहते किसी की मजाल न थी कि आपकी बिटिया को छू भी दे।
किसके हाथो से बनाये मिटटी की सुराही से जेठ महीने में आपकी आत्मा तृप्त हो जाती थी?
कौन आपकी झोपड़ियां बनाता था?
कौन फसल लाता था?
कौन आपकी चिता जलाने में सहायक सिद्ध होता हैं? जाट समाज से होली थाम एव मकान निर्माण से ईंट रखवाना।
जीवन से लेकर मरण तक सब सबको कभी न कभी स्पर्श करते थे।
. . . *और कहते है कि छुआछूत था।*
*यह छुआछूत की बीमारी  अंग्रेजों ने देश को तोड़ने के लिए एक साजिश के तहत डाली थी।*
*जातियां थी, पर उनके मध्य एक प्रेम की धारा भी बहती थी, जिसका कभी कोई  उल्लेख नहीं करता।*
*अगर जातिवाद होता तो राम कभी सबरी के झूठे बेर ना खाते,*
*बाल्मीकि के द्वारा रचित रामायण कोई नहीं पढता,*
*कृष्ण कभी सुदामा के पैर ना धोते!*
जाति में मत टूटिये, धर्म से जुड़िये..
देश जोड़िये.. सभी को अवगत कराएं!
*सभी जातियाँ सम्माननीय हैं...*
* एक भारत, श्रेष्ठ भारत।*.

©भारद्वाज

#love_shayari #पुराने जमाने में जब हॉस्पिटल नहीं होते थे.. तो बच्चे की नाभि कौन काटता था, मतलब पिता से भी पहले कौनसी जाति बच्चे को स्पर्श कर

11 Love

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