माँ के नाम – एक अनकही प्रेम कविता
वैलेंटाइन डे पर सब प्रेम गिनते हैं,
पर कौन है जो माँ के प्यार को बिनते हैं?
वो जो सुबह की पहली किरण से पहले जाग जाए,
बेटे की हर थकान को अपनी हथेलियों में समेट ले जाए।
माँ, तुम वो गुलाब नहीं, जो सिर्फ एक दिन के लिए खिले,
तुम वो बरगद हो, जो हर मौसम में छाँव लिए खड़ी मिले।
तुम्हारा प्यार किसी वादे का मोहताज नहीं,
यह तो उस धड़कन की तरह है जो हर पल साथ रहे।
जब दुनिया कहती है वैलेंटाइन प्रेम का दिन है,
तो मेरा दिल कहता है—यह माँ का दिन है।
क्योंकि सबसे सच्चा, सबसे गहरा,
और सबसे निस्वार्थ प्रेम तो सिर्फ माँ का ही होता है।
माँ, तुम्हारे आँचल की सुगंध में बसे,
हर लम्हे को आज शब्दों में बाँध रहा हूँ,
क्योंकि प्यार की परिभाषा तुमसे शुरू होती है,
और मेरे लिए, वैलेंटाइन सिर्फ तुम्हारे नाम है।
✍️ करन मेहरा
Happy Valentine Day Maa 😘❤️
©Karan Mehra
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