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शुगर की देसी दवाई 15 दिनों में शुगर नॉर्मल हरियाणा सिटी कैथल ☎️9729058024

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मरहटा छन्द :- ओ रघुकुल नंदन , माथे चंदन , महिमा बड़ी अपार । सब तेरी लीला , अम्बर नीला , शीतल पवन बयार ।। सब सुनकर आये , ढ़ोल बजाये , करते सब मनुहार। अब अँखियाँ दे दो , दर्शन दे दो , जीवन सफल हमार ।। अब जपते-जपते , रटते-रटते , राधा-राधा नाम । हैं पहुँचे द्वारे , आज तुम्हारे , देखो राधेश्याम ।। अब बाहर आओ , दरस दिखाओ, दे दो कुछ परिणाम । कहती सब सखियां , प्यासी अँखियाँ , दर्शन दो अभिराम ।। हैं पर सुनेहरे  , कहीं न ठहरें , तितली रानी राज । फूलों की बगिया , चूमें कलियाँ , दिन भर का है काज ।। अपनी ही काया , लगती माया , करती हर पल नाज । सबको वह मोहित , करके रोहित , इठलाती है आज ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  मरहटा छन्द :-
ओ रघुकुल नंदन , माथे चंदन , महिमा बड़ी अपार ।
सब तेरी लीला , अम्बर नीला , शीतल पवन बयार ।।
सब सुनकर आये , ढ़ोल बजाये , करते सब मनुहार।
अब अँखियाँ दे दो , दर्शन दे दो , जीवन सफल हमार ।।

अब जपते-जपते , रटते-रटते , राधा-राधा नाम ।
हैं पहुँचे द्वारे , आज तुम्हारे , देखो राधेश्याम ।।
अब बाहर आओ , दरस दिखाओ, दे दो कुछ परिणाम ।
कहती सब सखियां , प्यासी अँखियाँ , दर्शन दो अभिराम ।।

हैं पर सुनेहरे  , कहीं न ठहरें , तितली रानी राज ।
फूलों की बगिया , चूमें कलियाँ , दिन भर का है काज ।।
अपनी ही काया , लगती माया , करती हर पल नाज ।
सबको वह मोहित , करके रोहित , इठलाती है आज ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मरहटा छन्द :- ओ रघुकुल नंदन , माथे चंदन , महिमा बड़ी अपार । सब तेरी लीला , अम्बर नीला , शीतल पवन बयार ।। सब सुनकर आये , ढ़ोल बजाये , करते सब म

11 Love

गीत :- जन्मदिवस की आप , बधाई मेरी ले लो । रोग न आये द्वार , दवाई मेरी ले लो ।। जन्मदिवस की आप बधाई... किया दुआ हर बार , शरण प्रभु की मैं जाकर । गया खुशी से फूल , आज उपहार वह पाकर ।। लाया हूँ सौगात , वहीं मैं तुमको देने । जीवन हो खुशहाल , कमाई मेरी ले लो । जन्मदिवस की आप, बधाई .... तुमको करूँ प्रसन्न , गीत वह लिखकर लाया । पास न मेरे और , कहीं कोई धन माया ।। देना था उपहार , जन्मदिन तेरा आया । रूठो मत अब आप , मिठाई मेरी ले लो ।। जन्मदिवस की आप , बधाई..... जीवन है संग्राम , नही डर कर तुम भागो । छोड़ो विस्तर आज , नींद से अब तो जागो ।। रहें कलम में धार ,  मातु से यह वर माँगूं सुन लो मेरी बात , खुदाई मेरी ले लो । जन्मदिवस की आप , बधाई ... लड्डू मोती चूर , मिठाई सारे लाये । तेरे लिए बहार , गुलाबी हम ले आये ।। मैं तो रहा अनाथ , धरा के देखे मेले । भू पे आयी नींद , चटाई मेरी ले लो .... जन्मदिवस की आप , बधाई...... राधे-रानी मातु , वचन देकर यह बोली । जा खुशियों में झूम , भरी मैं तेरी झोली ।। हो जीवन आनंद , तुम्हारा वर मैं पाया । झूठ न बोलूँ आज , गवाही मेरी ले लो ।। जन्मदिवस की आप, बधाई..... जन्मदिवस की आप , बधाई मेरी ले लो । रोग न आये द्वार , दवाई मेरी ले लो ।।  महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  गीत :-
जन्मदिवस की आप , बधाई मेरी ले लो ।
रोग न आये द्वार , दवाई मेरी ले लो ।।
जन्मदिवस की आप बधाई...

किया दुआ हर बार , शरण प्रभु की मैं जाकर ।
गया खुशी से फूल , आज उपहार वह पाकर ।।
लाया हूँ सौगात , वहीं मैं तुमको देने ।
जीवन हो खुशहाल , कमाई मेरी ले लो ।
जन्मदिवस की आप, बधाई ....

तुमको करूँ प्रसन्न , गीत वह लिखकर लाया ।
पास न मेरे और , कहीं कोई धन माया ।।
देना था उपहार , जन्मदिन तेरा आया ।
रूठो मत अब आप , मिठाई मेरी ले लो ।।
जन्मदिवस की आप , बधाई.....

जीवन है संग्राम , नही डर कर तुम भागो ।
छोड़ो विस्तर आज , नींद से अब तो जागो ।।
रहें कलम में धार ,  मातु से यह वर माँगूं
सुन लो मेरी बात , खुदाई मेरी ले लो ।
जन्मदिवस की आप , बधाई ...

लड्डू मोती चूर , मिठाई सारे लाये ।
तेरे लिए बहार , गुलाबी हम ले आये ।।
मैं तो रहा अनाथ , धरा के देखे मेले ।
भू पे आयी नींद , चटाई मेरी ले लो ....
जन्मदिवस की आप , बधाई......

राधे-रानी मातु , वचन देकर यह बोली ।
जा खुशियों में झूम , भरी मैं तेरी झोली ।।
हो जीवन आनंद , तुम्हारा वर मैं पाया ।
झूठ न बोलूँ आज , गवाही मेरी ले लो ।।
जन्मदिवस की आप, बधाई.....

जन्मदिवस की आप , बधाई मेरी ले लो ।
रोग न आये द्वार , दवाई मेरी ले लो ।।

 महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

गीत :- जन्मदिवस की आप , बधाई मेरी ले लो । रोग न आये द्वार , दवाई मेरी ले लो ।। जन्मदिवस की आप बधाई... किया दुआ हर बार , शरण प्रभु की मैं जा

13 Love

White ग़ज़ल :- ज़िन्दगी पास दिखाई दी है  एक आवाज सुनाई दी है  जिसके ख्यालों में सदा ही खोया  रात ख्वाबों में दिखाई दी है दर्द से कांपता था वह दिन भर मौत ने जिसको रिहाई दी है  मिलके आया हूँ हकीमों से अब दर्द की एक दवाई दी है जन्मदिन पर हमारे वे आकर  ढेरों खुशियों की बधाई दी है  बात मत करना वफ़ा की हमसे  फिर नई चोट दिखाई दी है  रख के पत्थर कलेजे पर उसने आज बेटी को विदाई दी है  फूल ही फूल खिले जीवन में  बस प्रखर सबने दुहाई दी है  महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  White ग़ज़ल :-

ज़िन्दगी पास दिखाई दी है 
एक आवाज सुनाई दी है 
जिसके ख्यालों में सदा ही खोया 
रात ख्वाबों में दिखाई दी है
दर्द से कांपता था वह दिन भर
मौत ने जिसको रिहाई दी है 
मिलके आया हूँ हकीमों से अब
दर्द की एक दवाई दी है
जन्मदिन पर हमारे वे आकर 
ढेरों खुशियों की बधाई दी है 
बात मत करना वफ़ा की हमसे 
फिर नई चोट दिखाई दी है 
रख के पत्थर कलेजे पर उसने
आज बेटी को विदाई दी है 
फूल ही फूल खिले जीवन में 
बस प्रखर सबने दुहाई दी है 

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- ज़िन्दगी पास दिखाई दी है  एक आवाज सुनाई दी है  जिसके ख्यालों में सदा ही खोया  रात ख्वाबों में दिखाई दी है दर्द से कांपता था वह दिन भर

11 Love

White जियरा हमरा जुड़ईहई हमार पिया अंखियां तोसे जो मिलिहई हमार पिया। तुम तऊ लाएउ हमरी सौतनिया दुलहा हमरऊ तऊअई हई हमार पिया। बात मा सौ की ना तुम आयेउ  तुमका वा भरमई हई हमार पिया।  लरिका तुमरा तुम सई नाकिस बुआ हमका कहति हई हमार पिया। दिलवा हमरा जब दुखि जईहई  तुमका ही गोहरई हई हमार पिया। हमरी खातिर रतिया जगती हउ निदिया हमकऊ ना अईहई हमार पिया। एक दिन हमरी अईहई बरतिया परदेसी हुई जईहई हमार पिया। जब हमरे लरिका हुई जई हईं  मामा हम कहिके बोलई हईं हमार पिया। जी दिन हमरी अर्थी उठि हई  को तुमरा रहि जईहई हमार पिया। प्रज्ञा शुक्ला, सीतापुर ©#काव्यार्पण

#काव्यार्पण #love_shayari #अवधी #Kavyarpan  White जियरा हमरा जुड़ईहई हमार पिया
अंखियां तोसे जो मिलिहई हमार पिया।

तुम तऊ लाएउ हमरी सौतनिया
दुलहा हमरऊ तऊअई हई हमार पिया।

बात मा सौ की ना तुम आयेउ 
तुमका वा भरमई हई हमार पिया। 

लरिका तुमरा तुम सई नाकिस
बुआ हमका कहति हई हमार पिया।

दिलवा हमरा जब दुखि जईहई 
तुमका ही गोहरई हई हमार पिया।

हमरी खातिर रतिया जगती हउ
निदिया हमकऊ ना अईहई हमार पिया।

एक दिन हमरी अईहई बरतिया
परदेसी हुई जईहई हमार पिया।

जब हमरे लरिका हुई जई हईं 
मामा हम कहिके बोलई हईं हमार पिया।

जी दिन हमरी अर्थी उठि हई 
को तुमरा रहि जईहई हमार पिया।
प्रज्ञा शुक्ला, सीतापुर

©#काव्यार्पण

हमार पिया by pragya Shukla #Kavyarpan #काव्यार्पण #Hindi #piya #Nojoto #अवधी #love_shayari @Anshu writer @Sircastic Saurabh कमेंट्स में कोट

23 Love

शुगर की देसी दवाई 15 दिनों में शुगर नॉर्मल हरियाणा सिटी कैथल ☎️9729058024

99 View

मरहटा छन्द :- ओ रघुकुल नंदन , माथे चंदन , महिमा बड़ी अपार । सब तेरी लीला , अम्बर नीला , शीतल पवन बयार ।। सब सुनकर आये , ढ़ोल बजाये , करते सब मनुहार। अब अँखियाँ दे दो , दर्शन दे दो , जीवन सफल हमार ।। अब जपते-जपते , रटते-रटते , राधा-राधा नाम । हैं पहुँचे द्वारे , आज तुम्हारे , देखो राधेश्याम ।। अब बाहर आओ , दरस दिखाओ, दे दो कुछ परिणाम । कहती सब सखियां , प्यासी अँखियाँ , दर्शन दो अभिराम ।। हैं पर सुनेहरे  , कहीं न ठहरें , तितली रानी राज । फूलों की बगिया , चूमें कलियाँ , दिन भर का है काज ।। अपनी ही काया , लगती माया , करती हर पल नाज । सबको वह मोहित , करके रोहित , इठलाती है आज ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  मरहटा छन्द :-
ओ रघुकुल नंदन , माथे चंदन , महिमा बड़ी अपार ।
सब तेरी लीला , अम्बर नीला , शीतल पवन बयार ।।
सब सुनकर आये , ढ़ोल बजाये , करते सब मनुहार।
अब अँखियाँ दे दो , दर्शन दे दो , जीवन सफल हमार ।।

अब जपते-जपते , रटते-रटते , राधा-राधा नाम ।
हैं पहुँचे द्वारे , आज तुम्हारे , देखो राधेश्याम ।।
अब बाहर आओ , दरस दिखाओ, दे दो कुछ परिणाम ।
कहती सब सखियां , प्यासी अँखियाँ , दर्शन दो अभिराम ।।

हैं पर सुनेहरे  , कहीं न ठहरें , तितली रानी राज ।
फूलों की बगिया , चूमें कलियाँ , दिन भर का है काज ।।
अपनी ही काया , लगती माया , करती हर पल नाज ।
सबको वह मोहित , करके रोहित , इठलाती है आज ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मरहटा छन्द :- ओ रघुकुल नंदन , माथे चंदन , महिमा बड़ी अपार । सब तेरी लीला , अम्बर नीला , शीतल पवन बयार ।। सब सुनकर आये , ढ़ोल बजाये , करते सब म

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गीत :- जन्मदिवस की आप , बधाई मेरी ले लो । रोग न आये द्वार , दवाई मेरी ले लो ।। जन्मदिवस की आप बधाई... किया दुआ हर बार , शरण प्रभु की मैं जाकर । गया खुशी से फूल , आज उपहार वह पाकर ।। लाया हूँ सौगात , वहीं मैं तुमको देने । जीवन हो खुशहाल , कमाई मेरी ले लो । जन्मदिवस की आप, बधाई .... तुमको करूँ प्रसन्न , गीत वह लिखकर लाया । पास न मेरे और , कहीं कोई धन माया ।। देना था उपहार , जन्मदिन तेरा आया । रूठो मत अब आप , मिठाई मेरी ले लो ।। जन्मदिवस की आप , बधाई..... जीवन है संग्राम , नही डर कर तुम भागो । छोड़ो विस्तर आज , नींद से अब तो जागो ।। रहें कलम में धार ,  मातु से यह वर माँगूं सुन लो मेरी बात , खुदाई मेरी ले लो । जन्मदिवस की आप , बधाई ... लड्डू मोती चूर , मिठाई सारे लाये । तेरे लिए बहार , गुलाबी हम ले आये ।। मैं तो रहा अनाथ , धरा के देखे मेले । भू पे आयी नींद , चटाई मेरी ले लो .... जन्मदिवस की आप , बधाई...... राधे-रानी मातु , वचन देकर यह बोली । जा खुशियों में झूम , भरी मैं तेरी झोली ।। हो जीवन आनंद , तुम्हारा वर मैं पाया । झूठ न बोलूँ आज , गवाही मेरी ले लो ।। जन्मदिवस की आप, बधाई..... जन्मदिवस की आप , बधाई मेरी ले लो । रोग न आये द्वार , दवाई मेरी ले लो ।।  महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  गीत :-
जन्मदिवस की आप , बधाई मेरी ले लो ।
रोग न आये द्वार , दवाई मेरी ले लो ।।
जन्मदिवस की आप बधाई...

किया दुआ हर बार , शरण प्रभु की मैं जाकर ।
गया खुशी से फूल , आज उपहार वह पाकर ।।
लाया हूँ सौगात , वहीं मैं तुमको देने ।
जीवन हो खुशहाल , कमाई मेरी ले लो ।
जन्मदिवस की आप, बधाई ....

तुमको करूँ प्रसन्न , गीत वह लिखकर लाया ।
पास न मेरे और , कहीं कोई धन माया ।।
देना था उपहार , जन्मदिन तेरा आया ।
रूठो मत अब आप , मिठाई मेरी ले लो ।।
जन्मदिवस की आप , बधाई.....

जीवन है संग्राम , नही डर कर तुम भागो ।
छोड़ो विस्तर आज , नींद से अब तो जागो ।।
रहें कलम में धार ,  मातु से यह वर माँगूं
सुन लो मेरी बात , खुदाई मेरी ले लो ।
जन्मदिवस की आप , बधाई ...

लड्डू मोती चूर , मिठाई सारे लाये ।
तेरे लिए बहार , गुलाबी हम ले आये ।।
मैं तो रहा अनाथ , धरा के देखे मेले ।
भू पे आयी नींद , चटाई मेरी ले लो ....
जन्मदिवस की आप , बधाई......

राधे-रानी मातु , वचन देकर यह बोली ।
जा खुशियों में झूम , भरी मैं तेरी झोली ।।
हो जीवन आनंद , तुम्हारा वर मैं पाया ।
झूठ न बोलूँ आज , गवाही मेरी ले लो ।।
जन्मदिवस की आप, बधाई.....

जन्मदिवस की आप , बधाई मेरी ले लो ।
रोग न आये द्वार , दवाई मेरी ले लो ।।

 महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

गीत :- जन्मदिवस की आप , बधाई मेरी ले लो । रोग न आये द्वार , दवाई मेरी ले लो ।। जन्मदिवस की आप बधाई... किया दुआ हर बार , शरण प्रभु की मैं जा

13 Love

White ग़ज़ल :- ज़िन्दगी पास दिखाई दी है  एक आवाज सुनाई दी है  जिसके ख्यालों में सदा ही खोया  रात ख्वाबों में दिखाई दी है दर्द से कांपता था वह दिन भर मौत ने जिसको रिहाई दी है  मिलके आया हूँ हकीमों से अब दर्द की एक दवाई दी है जन्मदिन पर हमारे वे आकर  ढेरों खुशियों की बधाई दी है  बात मत करना वफ़ा की हमसे  फिर नई चोट दिखाई दी है  रख के पत्थर कलेजे पर उसने आज बेटी को विदाई दी है  फूल ही फूल खिले जीवन में  बस प्रखर सबने दुहाई दी है  महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  White ग़ज़ल :-

ज़िन्दगी पास दिखाई दी है 
एक आवाज सुनाई दी है 
जिसके ख्यालों में सदा ही खोया 
रात ख्वाबों में दिखाई दी है
दर्द से कांपता था वह दिन भर
मौत ने जिसको रिहाई दी है 
मिलके आया हूँ हकीमों से अब
दर्द की एक दवाई दी है
जन्मदिन पर हमारे वे आकर 
ढेरों खुशियों की बधाई दी है 
बात मत करना वफ़ा की हमसे 
फिर नई चोट दिखाई दी है 
रख के पत्थर कलेजे पर उसने
आज बेटी को विदाई दी है 
फूल ही फूल खिले जीवन में 
बस प्रखर सबने दुहाई दी है 

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- ज़िन्दगी पास दिखाई दी है  एक आवाज सुनाई दी है  जिसके ख्यालों में सदा ही खोया  रात ख्वाबों में दिखाई दी है दर्द से कांपता था वह दिन भर

11 Love

White जियरा हमरा जुड़ईहई हमार पिया अंखियां तोसे जो मिलिहई हमार पिया। तुम तऊ लाएउ हमरी सौतनिया दुलहा हमरऊ तऊअई हई हमार पिया। बात मा सौ की ना तुम आयेउ  तुमका वा भरमई हई हमार पिया।  लरिका तुमरा तुम सई नाकिस बुआ हमका कहति हई हमार पिया। दिलवा हमरा जब दुखि जईहई  तुमका ही गोहरई हई हमार पिया। हमरी खातिर रतिया जगती हउ निदिया हमकऊ ना अईहई हमार पिया। एक दिन हमरी अईहई बरतिया परदेसी हुई जईहई हमार पिया। जब हमरे लरिका हुई जई हईं  मामा हम कहिके बोलई हईं हमार पिया। जी दिन हमरी अर्थी उठि हई  को तुमरा रहि जईहई हमार पिया। प्रज्ञा शुक्ला, सीतापुर ©#काव्यार्पण

#काव्यार्पण #love_shayari #अवधी #Kavyarpan  White जियरा हमरा जुड़ईहई हमार पिया
अंखियां तोसे जो मिलिहई हमार पिया।

तुम तऊ लाएउ हमरी सौतनिया
दुलहा हमरऊ तऊअई हई हमार पिया।

बात मा सौ की ना तुम आयेउ 
तुमका वा भरमई हई हमार पिया। 

लरिका तुमरा तुम सई नाकिस
बुआ हमका कहति हई हमार पिया।

दिलवा हमरा जब दुखि जईहई 
तुमका ही गोहरई हई हमार पिया।

हमरी खातिर रतिया जगती हउ
निदिया हमकऊ ना अईहई हमार पिया।

एक दिन हमरी अईहई बरतिया
परदेसी हुई जईहई हमार पिया।

जब हमरे लरिका हुई जई हईं 
मामा हम कहिके बोलई हईं हमार पिया।

जी दिन हमरी अर्थी उठि हई 
को तुमरा रहि जईहई हमार पिया।
प्रज्ञा शुक्ला, सीतापुर

©#काव्यार्पण

हमार पिया by pragya Shukla #Kavyarpan #काव्यार्पण #Hindi #piya #Nojoto #अवधी #love_shayari @Anshu writer @Sircastic Saurabh कमेंट्स में कोट

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