tags

New देखता हूं Status, Photo, Video

Find the latest Status about देखता हूं from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about देखता हूं.

  • Latest
  • Popular
  • Video

मैं अलग किस्म का लड़का हूं कहने को आप बुरा कह सकते हैं मैं रिश्तों को अजीब सी कहानियों की तरह देखता हूं दरअसल उसके जाने के बाद हर शख़्स को कहानी की तरह देखने लगा हूं मुझे नहीं पता मैं कब जीवन में इतना अजीब सा ढंग अपना लिया पर मैं ऐसा ही हूं या हो गया हूं,एक दम बुरा अजीब सा शख़्स। 😔🩶 ©s गोल्डी

 मैं अलग किस्म का लड़का हूं
 कहने को आप बुरा कह सकते हैं
 मैं रिश्तों को अजीब सी कहानियों की तरह देखता हूं दरअसल उसके जाने के बाद हर शख़्स को कहानी की तरह देखने लगा हूं मुझे नहीं पता मैं कब जीवन में इतना अजीब सा ढंग अपना लिया पर मैं ऐसा ही हूं या हो गया हूं,एक दम बुरा अजीब सा शख़्स। 
😔🩶

©s गोल्डी

मैं अलग किस्म का लड़का हूं कहने को आप बुरा कह सकते हैं मैं रिश्तों को अजीब सी कहानियों की तरह देखता हूं दरअसल उसके जाने के बाद हर शख़्स को क

14 Love

White अपने आंसुओ को,छिपाने मुस्करा देती हूं। दिल में चुभती कोई बात,उसे छिपा लेती हूं।। किसी का दर्द ना बनूँ,सबको विश्वास बना लेती हूं। टूट जाती हूं कांच सी,बिखर के फिर सिमट जाती हूं।। कोई राह नहीं क्युकी,इसलिए बस निभाती हूँ। अपनी मंजिल तो पता है,पर ठहर जाती हूं।। ठहर जाती क्युकी कर्तव्यों से, बंधा पाती हूं। में वो डोर हूं,जो बस काट दी जाती हूं।। कभी अच्छी कभी बुरी की परिभाषा बन जाती हूं। कभी बातों में कभी सोच में लिख दी जाती हूं।। मैं कहाँ खुद को खुद सा पाती हूं। अनपढ़ सी मै कहाँ किसी को पढ़ पाती हूं। शिल्पी हूं खुद मूर्ती बन गढ़ दी जाती हूं। आकार देकर कल्पनाओ का रंग दी जाती हूं।। शिल्पी जैन सतना ©chahat

#कविता  White  अपने आंसुओ को,छिपाने मुस्करा देती हूं।
दिल में चुभती कोई बात,उसे छिपा लेती हूं।।
किसी का दर्द ना बनूँ,सबको विश्वास बना लेती हूं।
टूट जाती हूं कांच सी,बिखर के फिर सिमट जाती हूं।।
कोई राह नहीं क्युकी,इसलिए बस निभाती हूँ।
अपनी मंजिल तो पता है,पर ठहर जाती हूं।।
ठहर जाती क्युकी कर्तव्यों से, बंधा पाती हूं।
में वो डोर हूं,जो बस काट दी जाती हूं।।
कभी अच्छी कभी बुरी की परिभाषा बन जाती हूं।
कभी बातों में कभी सोच में लिख दी जाती हूं।।
मैं कहाँ खुद को खुद सा पाती हूं। 
अनपढ़ सी मै कहाँ किसी को पढ़ पाती हूं।
शिल्पी हूं खुद मूर्ती बन गढ़ दी जाती हूं।
आकार देकर कल्पनाओ का रंग दी जाती हूं।।  
                    शिल्पी जैन सतना

©chahat

मुस्करा देती हूं

16 Love

New Ghazal अभी खामोश हूं बोला नहीं हूं जबान रखता भी हूं गूंगा नहीं हूं तेरी हर गलतियों को देखता हूं नकाब आंखों पर है अंधा नहीं हूं तू कह के कर तुझे जो भी हो करना तेरी परवाज को रोका नहीं हूं गलत कामों से है तकलीफ मुझको' गलत राहों प मैं चलता नहीं हूं अगर है प्यार तो रुसवाई मत कर झुका हूं इश्क में डरता नहीं हूं ©Qaseem Haider Qaseem

#शायरी #Sad_Status  New Ghazal 

अभी खामोश हूं बोला नहीं हूं 
जबान रखता भी हूं गूंगा नहीं हूं

तेरी हर गलतियों को देखता हूं 
नकाब आंखों पर है अंधा नहीं हूं 

तू कह के कर तुझे जो  भी हो करना 
तेरी परवाज को रोका नहीं हूं

गलत कामों से है तकलीफ मुझको'
गलत राहों प मैं चलता नहीं हूं 

अगर है प्यार तो रुसवाई मत कर
 झुका हूं इश्क में डरता नहीं हूं

©Qaseem Haider Qaseem

#Sad_Status New Ghazal अभी खामोश हूं बोला नहीं हूं जबान रखता भी हूं गूंगा नहीं हूं तेरी हर गलतियों को देखता हूं नकाब आंखों पर है अंधा न

15 Love

White मेरे वजूद का जब अक्स देखता हूँ मैं तमाम भीड़ में एक शख्स देखता हूँ मैं #qhqofficial ©Qaseem Haider Qaseem

#शायरी #Qhqofficial #sad_quotes #shayri  White मेरे वजूद का जब अक्स देखता हूँ मैं
 तमाम भीड़ में एक शख्स देखता हूँ मैं

#qhqofficial

©Qaseem Haider Qaseem

#sad_quotes मेरे वजूद का जब अक्स देखता हूँ मैं तमाम भीड़ में एक शख्स देखता हूँ मैं #Qhqofficial #shayri

14 Love

White जब कभी कुछ कह नहीं पाता उसे लिख देता हूं जब बेचैनियां बातों से आंखों से बह नही जाता जो रह जाता है उसे लिख देता हूं भागती दुनिया में कभी लगता है पहाड़ या पेड़ हो गया हूं अपनी जड़ता लिख देता हूं या फिर कभी लगता है नदी या हवा सा बह रहा हूं तो उस बहाव को लिख देता हू जब अंदर और बाहर सिर्फ खामोशी हो तो उस खामोशी के शून्य को लिख देता हूं जब खोने पाने की बीच कही उलझा होता हूं तो उलझन को कही लिख देता हूं खुद से खुद को समझता रहूं समझाता रहूं इसलिए सब कुछ लिख देता हूं ।। ©मिहिर

#कविता  White जब कभी कुछ कह नहीं पाता 
उसे लिख देता हूं
जब बेचैनियां बातों से आंखों से बह नही जाता 
जो रह जाता है उसे लिख देता हूं 
भागती दुनिया में कभी लगता है पहाड़ या पेड़ हो गया हूं
अपनी जड़ता लिख देता हूं 
या फिर कभी लगता है नदी या हवा सा बह रहा हूं 
तो उस बहाव को लिख देता हू
जब अंदर और बाहर सिर्फ खामोशी हो
तो उस खामोशी के शून्य को लिख देता हूं
जब खोने पाने की बीच कही उलझा होता हूं 
तो उलझन को कही लिख देता हूं
खुद से खुद को समझता रहूं समझाता रहूं 
इसलिए सब कुछ लिख देता हूं ।।

©मिहिर

लिख देता हूं

13 Love

#शायरी #vksrivastav #Trending #लव #Shorts #viral  इधर देखता हूं उधर देखता हूं
जहां तक है जाती नज़र देखता हूं
मैं दुनिया से हो बेखबर देखता हूं
तेरी राह शामो सहर देखता हूं
के होती हमारी ग़दर देखता हूं
मैं एक दूसरे की कदर देखता हूं
जो ढाती हो तुम वो कहर देखता हूं
यही ख़्वाब आठों पहर देखता हूं
तेरे संग ख़ुशी की लहर देखता हूं
तेरा मुझपे ऐसा असर देखता हूं
इधर देखता हूं उधर देखता हूं

©Vk srivastav

इधर देखता हूं उधर देखता हूं #शायरी #SAD #Trending #viral #Shorts #Reels #लव #vksrivastav

135 View

मैं अलग किस्म का लड़का हूं कहने को आप बुरा कह सकते हैं मैं रिश्तों को अजीब सी कहानियों की तरह देखता हूं दरअसल उसके जाने के बाद हर शख़्स को कहानी की तरह देखने लगा हूं मुझे नहीं पता मैं कब जीवन में इतना अजीब सा ढंग अपना लिया पर मैं ऐसा ही हूं या हो गया हूं,एक दम बुरा अजीब सा शख़्स। 😔🩶 ©s गोल्डी

 मैं अलग किस्म का लड़का हूं
 कहने को आप बुरा कह सकते हैं
 मैं रिश्तों को अजीब सी कहानियों की तरह देखता हूं दरअसल उसके जाने के बाद हर शख़्स को कहानी की तरह देखने लगा हूं मुझे नहीं पता मैं कब जीवन में इतना अजीब सा ढंग अपना लिया पर मैं ऐसा ही हूं या हो गया हूं,एक दम बुरा अजीब सा शख़्स। 
😔🩶

©s गोल्डी

मैं अलग किस्म का लड़का हूं कहने को आप बुरा कह सकते हैं मैं रिश्तों को अजीब सी कहानियों की तरह देखता हूं दरअसल उसके जाने के बाद हर शख़्स को क

14 Love

White अपने आंसुओ को,छिपाने मुस्करा देती हूं। दिल में चुभती कोई बात,उसे छिपा लेती हूं।। किसी का दर्द ना बनूँ,सबको विश्वास बना लेती हूं। टूट जाती हूं कांच सी,बिखर के फिर सिमट जाती हूं।। कोई राह नहीं क्युकी,इसलिए बस निभाती हूँ। अपनी मंजिल तो पता है,पर ठहर जाती हूं।। ठहर जाती क्युकी कर्तव्यों से, बंधा पाती हूं। में वो डोर हूं,जो बस काट दी जाती हूं।। कभी अच्छी कभी बुरी की परिभाषा बन जाती हूं। कभी बातों में कभी सोच में लिख दी जाती हूं।। मैं कहाँ खुद को खुद सा पाती हूं। अनपढ़ सी मै कहाँ किसी को पढ़ पाती हूं। शिल्पी हूं खुद मूर्ती बन गढ़ दी जाती हूं। आकार देकर कल्पनाओ का रंग दी जाती हूं।। शिल्पी जैन सतना ©chahat

#कविता  White  अपने आंसुओ को,छिपाने मुस्करा देती हूं।
दिल में चुभती कोई बात,उसे छिपा लेती हूं।।
किसी का दर्द ना बनूँ,सबको विश्वास बना लेती हूं।
टूट जाती हूं कांच सी,बिखर के फिर सिमट जाती हूं।।
कोई राह नहीं क्युकी,इसलिए बस निभाती हूँ।
अपनी मंजिल तो पता है,पर ठहर जाती हूं।।
ठहर जाती क्युकी कर्तव्यों से, बंधा पाती हूं।
में वो डोर हूं,जो बस काट दी जाती हूं।।
कभी अच्छी कभी बुरी की परिभाषा बन जाती हूं।
कभी बातों में कभी सोच में लिख दी जाती हूं।।
मैं कहाँ खुद को खुद सा पाती हूं। 
अनपढ़ सी मै कहाँ किसी को पढ़ पाती हूं।
शिल्पी हूं खुद मूर्ती बन गढ़ दी जाती हूं।
आकार देकर कल्पनाओ का रंग दी जाती हूं।।  
                    शिल्पी जैन सतना

©chahat

मुस्करा देती हूं

16 Love

New Ghazal अभी खामोश हूं बोला नहीं हूं जबान रखता भी हूं गूंगा नहीं हूं तेरी हर गलतियों को देखता हूं नकाब आंखों पर है अंधा नहीं हूं तू कह के कर तुझे जो भी हो करना तेरी परवाज को रोका नहीं हूं गलत कामों से है तकलीफ मुझको' गलत राहों प मैं चलता नहीं हूं अगर है प्यार तो रुसवाई मत कर झुका हूं इश्क में डरता नहीं हूं ©Qaseem Haider Qaseem

#शायरी #Sad_Status  New Ghazal 

अभी खामोश हूं बोला नहीं हूं 
जबान रखता भी हूं गूंगा नहीं हूं

तेरी हर गलतियों को देखता हूं 
नकाब आंखों पर है अंधा नहीं हूं 

तू कह के कर तुझे जो  भी हो करना 
तेरी परवाज को रोका नहीं हूं

गलत कामों से है तकलीफ मुझको'
गलत राहों प मैं चलता नहीं हूं 

अगर है प्यार तो रुसवाई मत कर
 झुका हूं इश्क में डरता नहीं हूं

©Qaseem Haider Qaseem

#Sad_Status New Ghazal अभी खामोश हूं बोला नहीं हूं जबान रखता भी हूं गूंगा नहीं हूं तेरी हर गलतियों को देखता हूं नकाब आंखों पर है अंधा न

15 Love

White मेरे वजूद का जब अक्स देखता हूँ मैं तमाम भीड़ में एक शख्स देखता हूँ मैं #qhqofficial ©Qaseem Haider Qaseem

#शायरी #Qhqofficial #sad_quotes #shayri  White मेरे वजूद का जब अक्स देखता हूँ मैं
 तमाम भीड़ में एक शख्स देखता हूँ मैं

#qhqofficial

©Qaseem Haider Qaseem

#sad_quotes मेरे वजूद का जब अक्स देखता हूँ मैं तमाम भीड़ में एक शख्स देखता हूँ मैं #Qhqofficial #shayri

14 Love

White जब कभी कुछ कह नहीं पाता उसे लिख देता हूं जब बेचैनियां बातों से आंखों से बह नही जाता जो रह जाता है उसे लिख देता हूं भागती दुनिया में कभी लगता है पहाड़ या पेड़ हो गया हूं अपनी जड़ता लिख देता हूं या फिर कभी लगता है नदी या हवा सा बह रहा हूं तो उस बहाव को लिख देता हू जब अंदर और बाहर सिर्फ खामोशी हो तो उस खामोशी के शून्य को लिख देता हूं जब खोने पाने की बीच कही उलझा होता हूं तो उलझन को कही लिख देता हूं खुद से खुद को समझता रहूं समझाता रहूं इसलिए सब कुछ लिख देता हूं ।। ©मिहिर

#कविता  White जब कभी कुछ कह नहीं पाता 
उसे लिख देता हूं
जब बेचैनियां बातों से आंखों से बह नही जाता 
जो रह जाता है उसे लिख देता हूं 
भागती दुनिया में कभी लगता है पहाड़ या पेड़ हो गया हूं
अपनी जड़ता लिख देता हूं 
या फिर कभी लगता है नदी या हवा सा बह रहा हूं 
तो उस बहाव को लिख देता हू
जब अंदर और बाहर सिर्फ खामोशी हो
तो उस खामोशी के शून्य को लिख देता हूं
जब खोने पाने की बीच कही उलझा होता हूं 
तो उलझन को कही लिख देता हूं
खुद से खुद को समझता रहूं समझाता रहूं 
इसलिए सब कुछ लिख देता हूं ।।

©मिहिर

लिख देता हूं

13 Love

#शायरी #vksrivastav #Trending #लव #Shorts #viral  इधर देखता हूं उधर देखता हूं
जहां तक है जाती नज़र देखता हूं
मैं दुनिया से हो बेखबर देखता हूं
तेरी राह शामो सहर देखता हूं
के होती हमारी ग़दर देखता हूं
मैं एक दूसरे की कदर देखता हूं
जो ढाती हो तुम वो कहर देखता हूं
यही ख़्वाब आठों पहर देखता हूं
तेरे संग ख़ुशी की लहर देखता हूं
तेरा मुझपे ऐसा असर देखता हूं
इधर देखता हूं उधर देखता हूं

©Vk srivastav

इधर देखता हूं उधर देखता हूं #शायरी #SAD #Trending #viral #Shorts #Reels #लव #vksrivastav

135 View

Trending Topic