White अगर वो मेरी होती
अगर वो मेरी होती, तो ये फिज़ा खास होती,
हर सांस में बस उसकी ही बात होती।
हर ख्वाब उसका, मेरी आंखों का नूर होता,
उसकी हंसी से मेरा हर दर्द दूर होता।
सूरज की पहली किरण उसका चेहरा दिखाती,
चांदनी रातें उसकी बाहों में सिमट जाती।
हर पल उसका साथ, एक गीत बन जाता,
जिंदगी का हर लम्हा महकता, जगमगाता।
अगर वो मेरी होती, तो हर दिन बहार होता,
हर शाम उसकी मुस्कान का दीदार होता।
दिल की धड़कन उसकी ताल से मिल जाती,
हर धड़कन में एक नई कहानी खिल जाती।
अगर वो मेरी होती, तो ख्वाब हकीकत बन जाते,
गम के अंधेरे भी रोशनी में ढल जाते।
हर मोड़ पर उसकी उंगलियां थाम लेता,
दुनिया के हर दर्द से उसे बचा लेता।
अगर वो मेरी होती, तो ये जहां सवर जाता,
हर सूना लम्हा रंगों से भर जाता।
लेकिन ये ख्वाब ही तो है, जो सच्चा नहीं,
फिर भी उसके बिना दिल कहीं लगता नहीं।
©Bijendra Singh Pal
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