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White (अटपटा सा है कुछ ) # आने वाली रूतों का खौफ,, बरहम ना रहे आंखो में ,, दस्त ए सेहरा में प्यास मैं बुझा लूं अपनी ,, गर मुझे,,अबकी बरसात में तुम मिलो ।। # मेरे सभी ऐब,,सभी खूबियां,,,एक एक कर बताऊं सभी को ,,सोचो फिर क्या बात बने ,, गर मुझे बात -बात में तुम मिलो ।। # मैं मुसाफिर तो नही हूं जो कभी लौट ना पाऊं,, खुर्द कस्बों से छोड़ दूं मैं निस्बत ,, गर मुझे अब की मुलाकात में तुम मिलो ।। # जाने कब से ये मुफलिसी ,,ये तंगहाली ,,पैर पसारे बैठी है जमीन पर मेरी ,, मैं भी घर अपना बना लूं,, गर मुझे उमर भर को काफी ज़कात में तुम मिलो ।। # दूर रहकर भी तू करीब कितना रहा है मेरे ,,मेरे हाल पर तरस आ ही जाए तुम्हे ,,गर मुझे मयखाने के बदतर हालात में तुम मिलो ।। # जाम पर जाम ,,खुद की पहचान गवाकर जाने निभा रहा हूं कब से ,,मैं भी इस झूठे उदासियों भरे किरदार से कर लूं तौबा ,, गर मुझे किसी हसीन रात में तुम मिलो । # मान लूं अपनों का कहा ,,और कर लूं इक सौदा जमात से ,,मैं शराब छोड़ दूंगा राणा अगर मुझे किसी सौगात में तुम मिलो । ©#शून्य राणा

 White (अटपटा सा है कुछ )
#
आने वाली रूतों का खौफ,, बरहम ना रहे आंखो में ,, दस्त ए सेहरा में प्यास मैं बुझा लूं अपनी ,, गर मुझे,,अबकी बरसात में तुम मिलो ।।
#
मेरे सभी ऐब,,सभी खूबियां,,,एक एक कर बताऊं सभी को ,,सोचो फिर क्या बात बने ,, गर मुझे बात -बात में तुम मिलो ।।
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मैं मुसाफिर तो नही हूं जो कभी लौट ना पाऊं,, खुर्द कस्बों से छोड़ दूं मैं निस्बत ,, गर मुझे अब की मुलाकात में तुम मिलो ।।
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जाने कब से ये मुफलिसी ,,ये तंगहाली ,,पैर पसारे बैठी है  जमीन पर मेरी ,, मैं भी घर अपना बना लूं,, गर मुझे उमर भर को काफी ज़कात में तुम मिलो ।।
#
दूर रहकर भी तू करीब कितना रहा है मेरे ,,मेरे हाल पर तरस आ ही जाए तुम्हे ,,गर  मुझे मयखाने के बदतर हालात में तुम मिलो ।।
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जाम पर जाम ,,खुद की पहचान गवाकर जाने निभा रहा हूं कब से ,,मैं भी इस झूठे उदासियों भरे किरदार से कर लूं तौबा ,, गर मुझे किसी हसीन रात में तुम मिलो ।
#
मान लूं अपनों का कहा ,,और कर लूं इक सौदा जमात से ,,मैं शराब छोड़ दूंगा राणा अगर मुझे किसी सौगात में तुम मिलो ।

©#शून्य राणा

#शराब #मयकशी @Sircastic Saurabh बाबा ब्राऊनबियर्ड @Anudeep "सीमा"अमन सिंह Vinod singh sijwali

21 Love

White बस चुप ही रहना है अब!! क्योंकि पता चल गया... मतलब से याद करते है सब!! ©Pagal shayer

 White बस चुप ही रहना है अब!!
क्योंकि पता चल गया...
मतलब से याद करते है सब!!

©Pagal shayer

मतलब पर करते है सब

13 Love

वैराग्य में ही सही मतलब हैं जिंदगी का

126 View

बात का मतलब मतलब का बात बात मतलब का का मतलब बात का बात मतलब मतलब बात का (उपर्युक्त पंक्तियों से जितना दूर रहेंगे, उतना ही आपके जीवन में शांति और समझो होगा..!) ©Himanshu Prajapati

#कॉमेडी #hpstrange #36gyan #Funny  बात का मतलब 
मतलब का बात 
बात मतलब का
का मतलब बात
का बात मतलब 
मतलब बात का 


(उपर्युक्त पंक्तियों से जितना दूर रहेंगे,
उतना ही आपके जीवन में 
शांति और समझो होगा..!)

©Himanshu Prajapati

#Funny बात का मतलब मतलब का बात बात मतलब का का मतलब बात का बात मतलब मतलब बात का

13 Love

White (भूल गया) उसके ख्वाब आ ही जाते है ,,परेशान नींदों को करने ,,मैं चादर की सिलवटों से उसके निशान मिटाना ,,,भूल गया ।। # ये बलाएं उदासियों की जब से छाई है मुझपर ,,मैं खुद ही हस दिया खुदपर,,, बस मुस्कुराना ,,,भूल गया ।। # अधूरी खुआइशों के काफिलें,,चाहते थे कूच कब से ,,,मैं घुटन अपने कमरे की ,,नाराज दीवारों को बताना ,,भूल गया ।। # अब ये बेघरी ना जाने किस ओर ले जाए मुझे ,,रोज इक नई शाम की तलाश में ,,,मैं अपना ठिकाना ,,भूल गया ।। # तनहा सी राहों में एक अजनबी सी शक्ल ने मुझसे पूछा ,,दोस्त तुम कुछ खाओगे क्या ,,खुद की हालत उसकी आंखो में देखकर जाना ,,एक अरसे से मैं ,,दाढ़ी बनाना ,,भूल गया ।। # बेअसर ही रही ,,हर इक दवा मुझपर ,,मैखाने के हकीमों ने दर्द मेरा देखा मगर ,,,मैं जख्म उन्हे रूह के दिखाना ,,भूल गया ।। # वो चांद तो किसी खास रात में ,, लखनऊ की किसी हसीन छत पर निकलता होगा ,,उसके किस्से सुने और सुनाए बहुत मगर ,,अर्श के तारों को उसके नए घर का पता बताना ,,भूल गया ।। # बेचैनी इतनी थी की साल दर साल खंडहर छाने बहुत ,,अपने चेहरे पर कालिख तो मल ली मगर ,,दीवारों पर उकेरे गई उसकी तस्वीर मिटाना ,,भूल गया ।। # कमाल की मोसिकी है अब शराब से मेरी ,,बाद उसके हर शाम तैयार होकर मैखाने तो पहुंचा मगर ,,,हर रोज सुबह सुबह नहाना ,,भूल गया ।। # सामने वाले ने जब कहा ,,वाह क्या कहने उसकी खुदगर्जी के राणा ,,तब एहसास हुआ ना जाने ये शराब कितने राज़ खुलवाएगी मुझसे ,,और न जाने क्या कुछ रह गया है बाकी ,,जाने क्या क्या मैं बताना भूल गया ।। ©#शून्य राणा

 White (भूल गया)
उसके ख्वाब आ ही जाते है ,,परेशान नींदों को करने ,,मैं चादर की सिलवटों से उसके निशान मिटाना ,,,भूल गया ।।
#
ये बलाएं उदासियों की जब से छाई है मुझपर ,,मैं खुद ही हस दिया खुदपर,,, बस मुस्कुराना ,,,भूल गया  ।।
#
अधूरी खुआइशों के काफिलें,,चाहते थे कूच कब से ,,,मैं घुटन अपने कमरे की ,,नाराज दीवारों को बताना ,,भूल गया ।।
#
अब ये बेघरी ना जाने किस ओर ले जाए मुझे ,,रोज इक नई शाम की तलाश में ,,,मैं अपना ठिकाना ,,भूल गया ।।
#
तनहा सी राहों में एक अजनबी सी शक्ल ने मुझसे पूछा ,,दोस्त तुम कुछ खाओगे क्या ,,खुद की हालत उसकी आंखो में देखकर जाना ,,एक अरसे से मैं ,,दाढ़ी बनाना ,,भूल गया ।।
#
बेअसर ही रही ,,हर इक दवा मुझपर ,,मैखाने के हकीमों ने दर्द मेरा देखा मगर ,,,मैं जख्म उन्हे रूह के दिखाना ,,भूल गया ।।
#
वो चांद तो किसी खास रात में ,, लखनऊ की किसी हसीन छत पर निकलता होगा ,,उसके किस्से सुने और सुनाए बहुत मगर ,,अर्श के तारों को उसके नए घर का पता बताना ,,भूल गया ।।
#
बेचैनी इतनी थी की साल दर साल खंडहर छाने बहुत ,,अपने चेहरे पर कालिख तो मल ली मगर ,,दीवारों पर उकेरे गई उसकी तस्वीर मिटाना ,,भूल गया ।।
#
कमाल की मोसिकी है अब शराब से मेरी ,,बाद उसके हर शाम तैयार होकर मैखाने तो पहुंचा मगर ,,,हर रोज सुबह सुबह नहाना ,,भूल गया ।।
#
सामने वाले ने जब कहा ,,वाह क्या कहने उसकी खुदगर्जी के राणा ,,तब एहसास हुआ ना जाने ये शराब कितने राज़ खुलवाएगी मुझसे ,,और न जाने क्या कुछ रह गया है बाकी ,,जाने क्या क्या मैं बताना भूल गया ।।

©#शून्य राणा

#sad_quotes #भूल गया #शराब#मयकशी @Sircastic Saurabh नीर @Munni बाबा ब्राऊनबियर्ड Shira

27 Love

White (शराब) खुल चुकी सभी डोरियों को कसना सिखाती है ,,बोतल ,,यूंही बेवजह बातो बातो में रसना सिखाती है ,,बोतल ।। # खामोशी से देखा था कभी ,,दिन में अनेकों रंग बदलते उसको ,,,अब तन्हाई में मुझे खूब हसाती है बोतल।। # बाद उसके खून ए दिन बिखर आया है पन्नो पर ,, खुद को करके खाली,, महफ़िल ए रग ए जां ,,में बसना सिखाती है बोतल ।। # रुसवाइयों का सूखा उभर आए न चेहरे पर ,,भीगी पलकों को बेमौसम बरसना सिखाती है बोतल ।। # हर एक अल्फाज को जहर ,जहर कहते है सभी ,,तंजिया खुद पे हसकर ,बेलिहाजन डसना सिखाती है बोतल ।। # बेसबर कहते है मयखाने के हकीम मुझको ,,आज यहां तो कल वहां,,यूंही मयखाने दर मयखाने मुझसे हिजरत करवाती है बोतल ।। # मैं लिखता नही था कभी ,,पर मेरे फरेब का शुक्रिया ,,हर शाम दिखाकर मुझे मेरा अक्स खुद में ,,ना जाने क्या क्या मुझसे लिखवाती है बोतल ।। # इसकी संगत में मैं इस दर्जा मगन रहता हूं,,गम मिटाने के सभी तर्ज सिखाती है बोतल ।। # रूखे सूखे ख्याल बर्बाद करते है जेहन को मेरे ,,,दिल को यादों में धड़कते रहना सिखाती है बोतल । # दिलफेंक आशिको की बर्बाद महफिलों में ,,मेरे सुलगते कलेजे को ठंडक पहुंचाती है बोतल ।। # हर सुबह मेरी आंख मेरे बिस्तर पर ही खुलती है ,,जाने कैसे मयखाने से घर तक मुझे लाती है बोतल ,,लोग कहते है के छोड़ दो राणा ,,अब मैं कैसे कहूं मेरा कितना साथ निभाती है बोतल ।। # ©#शून्य राणा

 White (शराब)
खुल चुकी सभी डोरियों को कसना सिखाती है ,,बोतल ,,यूंही बेवजह बातो बातो में रसना सिखाती है ,,बोतल ।।
#
खामोशी से देखा था कभी ,,दिन में अनेकों रंग बदलते उसको ,,,अब तन्हाई में मुझे खूब हसाती है बोतल।।
#
बाद उसके खून ए दिन बिखर आया है पन्नो पर ,, खुद को करके खाली,, महफ़िल ए रग ए जां ,,में बसना सिखाती है बोतल ।।
#
रुसवाइयों का सूखा उभर आए न चेहरे पर ,,भीगी पलकों को बेमौसम बरसना सिखाती है बोतल ।।
#
हर एक अल्फाज को जहर ,जहर कहते है सभी ,,तंजिया खुद पे हसकर ,बेलिहाजन डसना सिखाती है बोतल ।।
#
बेसबर कहते है मयखाने के हकीम मुझको ,,आज यहां तो कल वहां,,यूंही मयखाने दर  मयखाने मुझसे  हिजरत करवाती है बोतल ।।
#
मैं लिखता नही था कभी ,,पर मेरे फरेब का शुक्रिया ,,हर शाम दिखाकर मुझे मेरा अक्स खुद में ,,ना जाने क्या क्या मुझसे लिखवाती है बोतल ।।
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इसकी संगत में मैं इस दर्जा मगन रहता हूं,,गम मिटाने के सभी तर्ज सिखाती है बोतल ।।
#
रूखे सूखे ख्याल बर्बाद करते है जेहन को मेरे ,,,दिल को यादों में धड़कते रहना सिखाती है बोतल ।
#
दिलफेंक आशिको की बर्बाद महफिलों में ,,मेरे सुलगते कलेजे को ठंडक पहुंचाती है बोतल ।।
#
हर सुबह मेरी आंख मेरे बिस्तर पर ही खुलती है ,,जाने कैसे मयखाने से घर तक मुझे लाती है बोतल ,,लोग कहते है के छोड़ दो राणा ,,अब मैं कैसे कहूं मेरा  कितना साथ निभाती है बोतल ।।
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©#शून्य राणा

#शराब #मयकशी#साथ निभाती है बोतल ।#nojoto #शायरी @Aj stories बाबा ब्राऊनबियर्ड जनकवि शंकर पाल( बुन्देली) @R...Ojha नीर

27 Love

White (अटपटा सा है कुछ ) # आने वाली रूतों का खौफ,, बरहम ना रहे आंखो में ,, दस्त ए सेहरा में प्यास मैं बुझा लूं अपनी ,, गर मुझे,,अबकी बरसात में तुम मिलो ।। # मेरे सभी ऐब,,सभी खूबियां,,,एक एक कर बताऊं सभी को ,,सोचो फिर क्या बात बने ,, गर मुझे बात -बात में तुम मिलो ।। # मैं मुसाफिर तो नही हूं जो कभी लौट ना पाऊं,, खुर्द कस्बों से छोड़ दूं मैं निस्बत ,, गर मुझे अब की मुलाकात में तुम मिलो ।। # जाने कब से ये मुफलिसी ,,ये तंगहाली ,,पैर पसारे बैठी है जमीन पर मेरी ,, मैं भी घर अपना बना लूं,, गर मुझे उमर भर को काफी ज़कात में तुम मिलो ।। # दूर रहकर भी तू करीब कितना रहा है मेरे ,,मेरे हाल पर तरस आ ही जाए तुम्हे ,,गर मुझे मयखाने के बदतर हालात में तुम मिलो ।। # जाम पर जाम ,,खुद की पहचान गवाकर जाने निभा रहा हूं कब से ,,मैं भी इस झूठे उदासियों भरे किरदार से कर लूं तौबा ,, गर मुझे किसी हसीन रात में तुम मिलो । # मान लूं अपनों का कहा ,,और कर लूं इक सौदा जमात से ,,मैं शराब छोड़ दूंगा राणा अगर मुझे किसी सौगात में तुम मिलो । ©#शून्य राणा

 White (अटपटा सा है कुछ )
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आने वाली रूतों का खौफ,, बरहम ना रहे आंखो में ,, दस्त ए सेहरा में प्यास मैं बुझा लूं अपनी ,, गर मुझे,,अबकी बरसात में तुम मिलो ।।
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मेरे सभी ऐब,,सभी खूबियां,,,एक एक कर बताऊं सभी को ,,सोचो फिर क्या बात बने ,, गर मुझे बात -बात में तुम मिलो ।।
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मैं मुसाफिर तो नही हूं जो कभी लौट ना पाऊं,, खुर्द कस्बों से छोड़ दूं मैं निस्बत ,, गर मुझे अब की मुलाकात में तुम मिलो ।।
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जाने कब से ये मुफलिसी ,,ये तंगहाली ,,पैर पसारे बैठी है  जमीन पर मेरी ,, मैं भी घर अपना बना लूं,, गर मुझे उमर भर को काफी ज़कात में तुम मिलो ।।
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दूर रहकर भी तू करीब कितना रहा है मेरे ,,मेरे हाल पर तरस आ ही जाए तुम्हे ,,गर  मुझे मयखाने के बदतर हालात में तुम मिलो ।।
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जाम पर जाम ,,खुद की पहचान गवाकर जाने निभा रहा हूं कब से ,,मैं भी इस झूठे उदासियों भरे किरदार से कर लूं तौबा ,, गर मुझे किसी हसीन रात में तुम मिलो ।
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मान लूं अपनों का कहा ,,और कर लूं इक सौदा जमात से ,,मैं शराब छोड़ दूंगा राणा अगर मुझे किसी सौगात में तुम मिलो ।

©#शून्य राणा

#शराब #मयकशी @Sircastic Saurabh बाबा ब्राऊनबियर्ड @Anudeep "सीमा"अमन सिंह Vinod singh sijwali

21 Love

White बस चुप ही रहना है अब!! क्योंकि पता चल गया... मतलब से याद करते है सब!! ©Pagal shayer

 White बस चुप ही रहना है अब!!
क्योंकि पता चल गया...
मतलब से याद करते है सब!!

©Pagal shayer

मतलब पर करते है सब

13 Love

वैराग्य में ही सही मतलब हैं जिंदगी का

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बात का मतलब मतलब का बात बात मतलब का का मतलब बात का बात मतलब मतलब बात का (उपर्युक्त पंक्तियों से जितना दूर रहेंगे, उतना ही आपके जीवन में शांति और समझो होगा..!) ©Himanshu Prajapati

#कॉमेडी #hpstrange #36gyan #Funny  बात का मतलब 
मतलब का बात 
बात मतलब का
का मतलब बात
का बात मतलब 
मतलब बात का 


(उपर्युक्त पंक्तियों से जितना दूर रहेंगे,
उतना ही आपके जीवन में 
शांति और समझो होगा..!)

©Himanshu Prajapati

#Funny बात का मतलब मतलब का बात बात मतलब का का मतलब बात का बात मतलब मतलब बात का

13 Love

White (भूल गया) उसके ख्वाब आ ही जाते है ,,परेशान नींदों को करने ,,मैं चादर की सिलवटों से उसके निशान मिटाना ,,,भूल गया ।। # ये बलाएं उदासियों की जब से छाई है मुझपर ,,मैं खुद ही हस दिया खुदपर,,, बस मुस्कुराना ,,,भूल गया ।। # अधूरी खुआइशों के काफिलें,,चाहते थे कूच कब से ,,,मैं घुटन अपने कमरे की ,,नाराज दीवारों को बताना ,,भूल गया ।। # अब ये बेघरी ना जाने किस ओर ले जाए मुझे ,,रोज इक नई शाम की तलाश में ,,,मैं अपना ठिकाना ,,भूल गया ।। # तनहा सी राहों में एक अजनबी सी शक्ल ने मुझसे पूछा ,,दोस्त तुम कुछ खाओगे क्या ,,खुद की हालत उसकी आंखो में देखकर जाना ,,एक अरसे से मैं ,,दाढ़ी बनाना ,,भूल गया ।। # बेअसर ही रही ,,हर इक दवा मुझपर ,,मैखाने के हकीमों ने दर्द मेरा देखा मगर ,,,मैं जख्म उन्हे रूह के दिखाना ,,भूल गया ।। # वो चांद तो किसी खास रात में ,, लखनऊ की किसी हसीन छत पर निकलता होगा ,,उसके किस्से सुने और सुनाए बहुत मगर ,,अर्श के तारों को उसके नए घर का पता बताना ,,भूल गया ।। # बेचैनी इतनी थी की साल दर साल खंडहर छाने बहुत ,,अपने चेहरे पर कालिख तो मल ली मगर ,,दीवारों पर उकेरे गई उसकी तस्वीर मिटाना ,,भूल गया ।। # कमाल की मोसिकी है अब शराब से मेरी ,,बाद उसके हर शाम तैयार होकर मैखाने तो पहुंचा मगर ,,,हर रोज सुबह सुबह नहाना ,,भूल गया ।। # सामने वाले ने जब कहा ,,वाह क्या कहने उसकी खुदगर्जी के राणा ,,तब एहसास हुआ ना जाने ये शराब कितने राज़ खुलवाएगी मुझसे ,,और न जाने क्या कुछ रह गया है बाकी ,,जाने क्या क्या मैं बताना भूल गया ।। ©#शून्य राणा

 White (भूल गया)
उसके ख्वाब आ ही जाते है ,,परेशान नींदों को करने ,,मैं चादर की सिलवटों से उसके निशान मिटाना ,,,भूल गया ।।
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ये बलाएं उदासियों की जब से छाई है मुझपर ,,मैं खुद ही हस दिया खुदपर,,, बस मुस्कुराना ,,,भूल गया  ।।
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अधूरी खुआइशों के काफिलें,,चाहते थे कूच कब से ,,,मैं घुटन अपने कमरे की ,,नाराज दीवारों को बताना ,,भूल गया ।।
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अब ये बेघरी ना जाने किस ओर ले जाए मुझे ,,रोज इक नई शाम की तलाश में ,,,मैं अपना ठिकाना ,,भूल गया ।।
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तनहा सी राहों में एक अजनबी सी शक्ल ने मुझसे पूछा ,,दोस्त तुम कुछ खाओगे क्या ,,खुद की हालत उसकी आंखो में देखकर जाना ,,एक अरसे से मैं ,,दाढ़ी बनाना ,,भूल गया ।।
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बेअसर ही रही ,,हर इक दवा मुझपर ,,मैखाने के हकीमों ने दर्द मेरा देखा मगर ,,,मैं जख्म उन्हे रूह के दिखाना ,,भूल गया ।।
#
वो चांद तो किसी खास रात में ,, लखनऊ की किसी हसीन छत पर निकलता होगा ,,उसके किस्से सुने और सुनाए बहुत मगर ,,अर्श के तारों को उसके नए घर का पता बताना ,,भूल गया ।।
#
बेचैनी इतनी थी की साल दर साल खंडहर छाने बहुत ,,अपने चेहरे पर कालिख तो मल ली मगर ,,दीवारों पर उकेरे गई उसकी तस्वीर मिटाना ,,भूल गया ।।
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कमाल की मोसिकी है अब शराब से मेरी ,,बाद उसके हर शाम तैयार होकर मैखाने तो पहुंचा मगर ,,,हर रोज सुबह सुबह नहाना ,,भूल गया ।।
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सामने वाले ने जब कहा ,,वाह क्या कहने उसकी खुदगर्जी के राणा ,,तब एहसास हुआ ना जाने ये शराब कितने राज़ खुलवाएगी मुझसे ,,और न जाने क्या कुछ रह गया है बाकी ,,जाने क्या क्या मैं बताना भूल गया ।।

©#शून्य राणा

#sad_quotes #भूल गया #शराब#मयकशी @Sircastic Saurabh नीर @Munni बाबा ब्राऊनबियर्ड Shira

27 Love

White (शराब) खुल चुकी सभी डोरियों को कसना सिखाती है ,,बोतल ,,यूंही बेवजह बातो बातो में रसना सिखाती है ,,बोतल ।। # खामोशी से देखा था कभी ,,दिन में अनेकों रंग बदलते उसको ,,,अब तन्हाई में मुझे खूब हसाती है बोतल।। # बाद उसके खून ए दिन बिखर आया है पन्नो पर ,, खुद को करके खाली,, महफ़िल ए रग ए जां ,,में बसना सिखाती है बोतल ।। # रुसवाइयों का सूखा उभर आए न चेहरे पर ,,भीगी पलकों को बेमौसम बरसना सिखाती है बोतल ।। # हर एक अल्फाज को जहर ,जहर कहते है सभी ,,तंजिया खुद पे हसकर ,बेलिहाजन डसना सिखाती है बोतल ।। # बेसबर कहते है मयखाने के हकीम मुझको ,,आज यहां तो कल वहां,,यूंही मयखाने दर मयखाने मुझसे हिजरत करवाती है बोतल ।। # मैं लिखता नही था कभी ,,पर मेरे फरेब का शुक्रिया ,,हर शाम दिखाकर मुझे मेरा अक्स खुद में ,,ना जाने क्या क्या मुझसे लिखवाती है बोतल ।। # इसकी संगत में मैं इस दर्जा मगन रहता हूं,,गम मिटाने के सभी तर्ज सिखाती है बोतल ।। # रूखे सूखे ख्याल बर्बाद करते है जेहन को मेरे ,,,दिल को यादों में धड़कते रहना सिखाती है बोतल । # दिलफेंक आशिको की बर्बाद महफिलों में ,,मेरे सुलगते कलेजे को ठंडक पहुंचाती है बोतल ।। # हर सुबह मेरी आंख मेरे बिस्तर पर ही खुलती है ,,जाने कैसे मयखाने से घर तक मुझे लाती है बोतल ,,लोग कहते है के छोड़ दो राणा ,,अब मैं कैसे कहूं मेरा कितना साथ निभाती है बोतल ।। # ©#शून्य राणा

 White (शराब)
खुल चुकी सभी डोरियों को कसना सिखाती है ,,बोतल ,,यूंही बेवजह बातो बातो में रसना सिखाती है ,,बोतल ।।
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खामोशी से देखा था कभी ,,दिन में अनेकों रंग बदलते उसको ,,,अब तन्हाई में मुझे खूब हसाती है बोतल।।
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बाद उसके खून ए दिन बिखर आया है पन्नो पर ,, खुद को करके खाली,, महफ़िल ए रग ए जां ,,में बसना सिखाती है बोतल ।।
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रुसवाइयों का सूखा उभर आए न चेहरे पर ,,भीगी पलकों को बेमौसम बरसना सिखाती है बोतल ।।
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हर एक अल्फाज को जहर ,जहर कहते है सभी ,,तंजिया खुद पे हसकर ,बेलिहाजन डसना सिखाती है बोतल ।।
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बेसबर कहते है मयखाने के हकीम मुझको ,,आज यहां तो कल वहां,,यूंही मयखाने दर  मयखाने मुझसे  हिजरत करवाती है बोतल ।।
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मैं लिखता नही था कभी ,,पर मेरे फरेब का शुक्रिया ,,हर शाम दिखाकर मुझे मेरा अक्स खुद में ,,ना जाने क्या क्या मुझसे लिखवाती है बोतल ।।
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इसकी संगत में मैं इस दर्जा मगन रहता हूं,,गम मिटाने के सभी तर्ज सिखाती है बोतल ।।
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रूखे सूखे ख्याल बर्बाद करते है जेहन को मेरे ,,,दिल को यादों में धड़कते रहना सिखाती है बोतल ।
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दिलफेंक आशिको की बर्बाद महफिलों में ,,मेरे सुलगते कलेजे को ठंडक पहुंचाती है बोतल ।।
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हर सुबह मेरी आंख मेरे बिस्तर पर ही खुलती है ,,जाने कैसे मयखाने से घर तक मुझे लाती है बोतल ,,लोग कहते है के छोड़ दो राणा ,,अब मैं कैसे कहूं मेरा  कितना साथ निभाती है बोतल ।।
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©#शून्य राणा

#शराब #मयकशी#साथ निभाती है बोतल ।#nojoto #शायरी @Aj stories बाबा ब्राऊनबियर्ड जनकवि शंकर पाल( बुन्देली) @R...Ojha नीर

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