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White {Bolo Ji Radhey Radhey} आत्म हत्या शब्द का उच्चारण या बोला जाना गलत है, जब आत्मा को कोई भी जला, गला, सुखा, मिटा या किसी भी प्रकार से नाश नही हो सकता, तो यह बोलना गलत है, आत्म हत्या ये तो देह या शरीर को खत्म करना बोला जाना चाहिए? जय श्री राधेकृष्ण जी। ©N S Yadav GoldMine

#मोटिवेशनल #sad_shayari  White {Bolo Ji Radhey Radhey}
आत्म हत्या शब्द का उच्चारण या 
बोला जाना गलत है, जब आत्मा 
को कोई भी जला, गला, सुखा, 
मिटा या किसी भी प्रकार से नाश 
नही हो सकता, तो यह बोलना 
गलत है, आत्म हत्या ये तो देह 
या शरीर को खत्म करना 
बोला जाना चाहिए?
जय श्री राधेकृष्ण जी।

©N S Yadav GoldMine

#sad_shayari {Bolo Ji Radhey Radhey} आत्म हत्या शब्द का उच्चारण या बोला जाना गलत है, जब आत्मा को कोई भी जला, गला, सुखा, मिटा या किसी भी प

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#वीडियो

महिला की नृशंस हत्या की घटना का सफल अनावरण, 02 अभियुक्त गिरफ्तार... आलाकत्ल बरामद ।* पुलिस अधीक्षक महोदय जनपद बहराइच श्रीमती वृन

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दोहा :- आज पढ़ाकर बेटियाँ  , बचा न पाये प्राण । पुनः दिया है दुष्ट ने , फिर से देख प्रमाण ।। गिद्ध बना इंसान है , देता नित्य प्रमाण । हरता रहता नित्य है , बहू बहन के प्राण ।। पढ़ो पढ़ाओ बेटियाँ , बनकर सब इंसान । निर्मम हत्या के लिए , खड़े गली शैतान ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  दोहा :-

आज पढ़ाकर बेटियाँ  , बचा न पाये प्राण ।
पुनः दिया है दुष्ट ने , फिर से देख प्रमाण ।।

गिद्ध बना इंसान है , देता नित्य प्रमाण ।
हरता रहता नित्य है , बहू बहन के प्राण ।।

पढ़ो पढ़ाओ बेटियाँ , बनकर सब इंसान ।
निर्मम हत्या के लिए , खड़े गली शैतान ।।


महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा :- आज पढ़ाकर बेटियाँ  , बचा न पाये प्राण । पुनः दिया है दुष्ट ने , फिर से देख प्रमाण ।। गिद्ध बना इंसान है , देता नित्य प्रमाण । हरता

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दोहा :- बेटी पढ़ाकर भी नही  , बचा न पाये प्राण । पुनः दिया है दुष्ट ने , फिर से आज प्रमाण ।। गिद्ध बना इंसान है , देता नित्य प्रमाण । हरता रहता नित्य है , बहू बहन के प्राण ।। मूक बधिर हम सब बने , देख रहे हैं कृत्य । गली-गली शैतान वह , हमें दिखाता नृत्य ।। सरल यही अब राह है , जला सभी लो मोम । याद भला कब तक रहे , तुम्हें नाथ का ओम ।। याद किसी को है नही , सत्य सनातन ओम । बुझे पड़े है कुंड सब , कही न होता होम ।। जला-जला के मोम को , देते रहो प्रमाण । हम निर्बल असहाय हैं , हर लो मेरे प्राण ।। पढ़ो पढ़ाओ बेटियाँ , बनकर सब इंसान । निर्मम हत्या के लिए , खड़े गली शैतान ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  दोहा :-
बेटी पढ़ाकर भी नही  , बचा न पाये प्राण ।
पुनः दिया है दुष्ट ने , फिर से आज प्रमाण ।।

गिद्ध बना इंसान है , देता नित्य प्रमाण ।
हरता रहता नित्य है , बहू बहन के प्राण ।।

मूक बधिर हम सब बने , देख रहे हैं कृत्य ।
गली-गली शैतान वह , हमें दिखाता नृत्य ।।

सरल यही अब राह है , जला सभी लो मोम ।
याद भला कब तक रहे , तुम्हें नाथ का ओम ।।

याद किसी को है नही , सत्य सनातन ओम ।
बुझे पड़े है कुंड सब , कही न होता होम ।।

जला-जला के मोम को , देते रहो प्रमाण ।
हम निर्बल असहाय हैं , हर लो मेरे प्राण ।।

पढ़ो पढ़ाओ बेटियाँ , बनकर सब इंसान ।
निर्मम हत्या के लिए , खड़े गली शैतान ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा :- बेटी पढ़ाकर भी नही  , बचा न पाये प्राण । पुनः दिया है दुष्ट ने , फिर से आज प्रमाण ।। गिद्ध बना इंसान है , देता नित्य प्रमाण ।

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#विचार

हत्या का प्रयास करने के आरोप में दो अभियुक्त गिरफ्तार, एक बाल अपचारी को पुलिस अभिरक्षा में लिया गया लोकेसन गोरखपुर थाना रामगढ़ताल उत्तर प्

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भरोसे की नींव पर प्रेम पनपता है प्रेम भावना नही इक जिम्मेदारी है किसी के अन्दर प्रेम जगाकर उसे त्याग देना, उसकी हत्या करने के समान होता है... !! ©Prabodh Prateek

 भरोसे की नींव पर 
प्रेम पनपता है
 प्रेम भावना नही इक जिम्मेदारी है 
किसी के अन्दर प्रेम जगाकर उसे त्याग देना, 
उसकी हत्या करने के समान होता है... !!

©Prabodh Prateek

भरोसे की नींव पर प्रेम पनपता है प्रेम भावना नही इक जिम्मेदारी है किसी के अन्दर प्रेम जगाकर उसे त्याग देना, उसकी हत्या करने के समान होता

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White {Bolo Ji Radhey Radhey} आत्म हत्या शब्द का उच्चारण या बोला जाना गलत है, जब आत्मा को कोई भी जला, गला, सुखा, मिटा या किसी भी प्रकार से नाश नही हो सकता, तो यह बोलना गलत है, आत्म हत्या ये तो देह या शरीर को खत्म करना बोला जाना चाहिए? जय श्री राधेकृष्ण जी। ©N S Yadav GoldMine

#मोटिवेशनल #sad_shayari  White {Bolo Ji Radhey Radhey}
आत्म हत्या शब्द का उच्चारण या 
बोला जाना गलत है, जब आत्मा 
को कोई भी जला, गला, सुखा, 
मिटा या किसी भी प्रकार से नाश 
नही हो सकता, तो यह बोलना 
गलत है, आत्म हत्या ये तो देह 
या शरीर को खत्म करना 
बोला जाना चाहिए?
जय श्री राधेकृष्ण जी।

©N S Yadav GoldMine

#sad_shayari {Bolo Ji Radhey Radhey} आत्म हत्या शब्द का उच्चारण या बोला जाना गलत है, जब आत्मा को कोई भी जला, गला, सुखा, मिटा या किसी भी प

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महिला की नृशंस हत्या की घटना का सफल अनावरण, 02 अभियुक्त गिरफ्तार... आलाकत्ल बरामद ।* पुलिस अधीक्षक महोदय जनपद बहराइच श्रीमती वृन

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दोहा :- आज पढ़ाकर बेटियाँ  , बचा न पाये प्राण । पुनः दिया है दुष्ट ने , फिर से देख प्रमाण ।। गिद्ध बना इंसान है , देता नित्य प्रमाण । हरता रहता नित्य है , बहू बहन के प्राण ।। पढ़ो पढ़ाओ बेटियाँ , बनकर सब इंसान । निर्मम हत्या के लिए , खड़े गली शैतान ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  दोहा :-

आज पढ़ाकर बेटियाँ  , बचा न पाये प्राण ।
पुनः दिया है दुष्ट ने , फिर से देख प्रमाण ।।

गिद्ध बना इंसान है , देता नित्य प्रमाण ।
हरता रहता नित्य है , बहू बहन के प्राण ।।

पढ़ो पढ़ाओ बेटियाँ , बनकर सब इंसान ।
निर्मम हत्या के लिए , खड़े गली शैतान ।।


महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा :- आज पढ़ाकर बेटियाँ  , बचा न पाये प्राण । पुनः दिया है दुष्ट ने , फिर से देख प्रमाण ।। गिद्ध बना इंसान है , देता नित्य प्रमाण । हरता

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दोहा :- बेटी पढ़ाकर भी नही  , बचा न पाये प्राण । पुनः दिया है दुष्ट ने , फिर से आज प्रमाण ।। गिद्ध बना इंसान है , देता नित्य प्रमाण । हरता रहता नित्य है , बहू बहन के प्राण ।। मूक बधिर हम सब बने , देख रहे हैं कृत्य । गली-गली शैतान वह , हमें दिखाता नृत्य ।। सरल यही अब राह है , जला सभी लो मोम । याद भला कब तक रहे , तुम्हें नाथ का ओम ।। याद किसी को है नही , सत्य सनातन ओम । बुझे पड़े है कुंड सब , कही न होता होम ।। जला-जला के मोम को , देते रहो प्रमाण । हम निर्बल असहाय हैं , हर लो मेरे प्राण ।। पढ़ो पढ़ाओ बेटियाँ , बनकर सब इंसान । निर्मम हत्या के लिए , खड़े गली शैतान ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  दोहा :-
बेटी पढ़ाकर भी नही  , बचा न पाये प्राण ।
पुनः दिया है दुष्ट ने , फिर से आज प्रमाण ।।

गिद्ध बना इंसान है , देता नित्य प्रमाण ।
हरता रहता नित्य है , बहू बहन के प्राण ।।

मूक बधिर हम सब बने , देख रहे हैं कृत्य ।
गली-गली शैतान वह , हमें दिखाता नृत्य ।।

सरल यही अब राह है , जला सभी लो मोम ।
याद भला कब तक रहे , तुम्हें नाथ का ओम ।।

याद किसी को है नही , सत्य सनातन ओम ।
बुझे पड़े है कुंड सब , कही न होता होम ।।

जला-जला के मोम को , देते रहो प्रमाण ।
हम निर्बल असहाय हैं , हर लो मेरे प्राण ।।

पढ़ो पढ़ाओ बेटियाँ , बनकर सब इंसान ।
निर्मम हत्या के लिए , खड़े गली शैतान ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा :- बेटी पढ़ाकर भी नही  , बचा न पाये प्राण । पुनः दिया है दुष्ट ने , फिर से आज प्रमाण ।। गिद्ध बना इंसान है , देता नित्य प्रमाण ।

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#विचार

हत्या का प्रयास करने के आरोप में दो अभियुक्त गिरफ्तार, एक बाल अपचारी को पुलिस अभिरक्षा में लिया गया लोकेसन गोरखपुर थाना रामगढ़ताल उत्तर प्

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भरोसे की नींव पर प्रेम पनपता है प्रेम भावना नही इक जिम्मेदारी है किसी के अन्दर प्रेम जगाकर उसे त्याग देना, उसकी हत्या करने के समान होता है... !! ©Prabodh Prateek

 भरोसे की नींव पर 
प्रेम पनपता है
 प्रेम भावना नही इक जिम्मेदारी है 
किसी के अन्दर प्रेम जगाकर उसे त्याग देना, 
उसकी हत्या करने के समान होता है... !!

©Prabodh Prateek

भरोसे की नींव पर प्रेम पनपता है प्रेम भावना नही इक जिम्मेदारी है किसी के अन्दर प्रेम जगाकर उसे त्याग देना, उसकी हत्या करने के समान होता

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