माँ सिद्धिदात्रि
,, नवम दिवस तप साधना, पुण्य पर्व नवरात ।
मात सिद्धि दात्री गहो , देंगी सुख सौगात ,, ।।
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नवम रूप माॅंअंब का, सिद्धिदात्रि है नाम ।
देव दनुज मानव सभी, करते इन्हें प्रणाम ।।
कृपा मात की प्राप्त कर,पाई सिद्धि महेश ।
कमल पुष्प अर्पित करें,भक्ति पाएं अशेष ।।
धवल बैंगनी वर्ण प्रिय, है जगदम्बे मात ।
करती माॅं जगदीश्वरी, दुष्टों पर आघात ।।
करे साधना मात की, जो भी साधक भक्त ।
अणिमादिक सब सिद्धियां,देती माॅंअनुरक्त ।।
करो साधना शक्ति की, पर्व बड़ा नवरात्र ।
तन अरु मन से शुद्ध हो, बनो कृपा के पात्र ।।
©बेजुबान शायर shivkumar
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