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White सम्मान की सच्ची भावना दिल से आती है, जबकि दिमाग से केवल व्यावसायिक संबंध बनता हैं। जो लोग तुम्हें आकर्षित करने के लिए रास्ते में झुक कर खड़े रहेंगे , वे एक दिन तुम्हें नकार कर तुम्हारे सामने आत्मविश्वास से खड़े हो जाएंगे तुम्हारा उपहास उड़ाने के लिए । ©Prerna Singh

#मोटिवेशनल #सम्मान #संबंध #उपहास #sunset_time  White सम्मान की सच्ची भावना दिल से आती है,
 जबकि दिमाग से केवल व्यावसायिक संबंध बनता हैं। जो लोग तुम्हें आकर्षित करने के लिए रास्ते में झुक कर खड़े रहेंगे , वे एक दिन तुम्हें नकार कर तुम्हारे सामने आत्मविश्वास से खड़े हो जाएंगे तुम्हारा उपहास उड़ाने के लिए ।

©Prerna Singh

#sunset_time #सम्मान की सच्ची भावना #दिल से आती है, जबकि दिमाग से केवल व्यावसायिक #संबंध बनता हैं। जो लोग तुम्हें आकर्षित करने के लिए रास्त

14 Love

#motivationalposts #विचार #thoughtsinhindi #thoughtsoflife #somethingtosay #hindithoughts

आज किसी अपने से संवाद हुआ, खुद की कहीं कभी कोई बात का जिक्र हुआ। मुझे तो याद नहीं था , कब,कैसे, कहां कहीं । बात छोटी है,पर सोचने पर गहरी है।

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#beingoriginal #nojotohindi

नकारात्मक, वो जीते #beingoriginal #nojotohindi

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इस कलयुग में मनुष्य ही असुर हैं और आसुरी भी मन के भाव और भावनाएं दूषित हो तो नकारात्मक सोच और विकार ग्रसित कर देती हैं मन के विकार मनके छह प्रकार के विकार उत्पन्न होते है। इनको छह रीपु भी कहते है। यथा काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह, मात्सर्य स्वार्थ , ईर्ष्या , क्रोध , अहंकार , घमंड, अभिमान , गुस्सा , लालची स्वभाव , नास्तिक व्यवहार , असत्य ,झूठ , अपशब्द , दुष्टता, यह सब नरक के द्वार खोलते हैं और इन्हीं सबसे मनुष्य की पतन होती हैं ©person

#Motivational  इस कलयुग में 
मनुष्य ही 
असुर हैं और आसुरी भी
मन के भाव और भावनाएं दूषित हो 
तो नकारात्मक सोच 
और विकार ग्रसित कर देती हैं 
मन के विकार मनके छह प्रकार के विकार उत्पन्न होते है। इनको छह रीपु भी कहते है। यथा काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह, मात्सर्य 
स्वार्थ , ईर्ष्या , क्रोध , अहंकार , घमंड, अभिमान , गुस्सा ,
लालची स्वभाव ,
नास्तिक व्यवहार ,
असत्य ,झूठ ,
अपशब्द , दुष्टता,
यह सब नरक  के द्वार खोलते हैं 
और इन्हीं सबसे मनुष्य की पतन होती हैं

©person

इस कलयुग में मनुष्य ही असुर हैं और आसुरी भी मन के भाव और भावनाएं दूषित हो तो नकारात्मक सोच और विकार ग्रसित कर देती हैं मन के विकार मनके

10 Love

#नकारात्मकता #समस्या #समाधान #विचार  White “नकारात्मक "लोगों से दूर रहे 
उनके पास हर "समाधान" के लिए एक "समस्या" है...

©Nirupama Mishra

White सम्मान की सच्ची भावना दिल से आती है, जबकि दिमाग से केवल व्यावसायिक संबंध बनता हैं। जो लोग तुम्हें आकर्षित करने के लिए रास्ते में झुक कर खड़े रहेंगे , वे एक दिन तुम्हें नकार कर तुम्हारे सामने आत्मविश्वास से खड़े हो जाएंगे तुम्हारा उपहास उड़ाने के लिए । ©Prerna Singh

#मोटिवेशनल #सम्मान #संबंध #उपहास #sunset_time  White सम्मान की सच्ची भावना दिल से आती है,
 जबकि दिमाग से केवल व्यावसायिक संबंध बनता हैं। जो लोग तुम्हें आकर्षित करने के लिए रास्ते में झुक कर खड़े रहेंगे , वे एक दिन तुम्हें नकार कर तुम्हारे सामने आत्मविश्वास से खड़े हो जाएंगे तुम्हारा उपहास उड़ाने के लिए ।

©Prerna Singh

#sunset_time #सम्मान की सच्ची भावना #दिल से आती है, जबकि दिमाग से केवल व्यावसायिक #संबंध बनता हैं। जो लोग तुम्हें आकर्षित करने के लिए रास्त

14 Love

#motivationalposts #विचार #thoughtsinhindi #thoughtsoflife #somethingtosay #hindithoughts

आज किसी अपने से संवाद हुआ, खुद की कहीं कभी कोई बात का जिक्र हुआ। मुझे तो याद नहीं था , कब,कैसे, कहां कहीं । बात छोटी है,पर सोचने पर गहरी है।

90 View

#beingoriginal #nojotohindi

नकारात्मक, वो जीते #beingoriginal #nojotohindi

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इस कलयुग में मनुष्य ही असुर हैं और आसुरी भी मन के भाव और भावनाएं दूषित हो तो नकारात्मक सोच और विकार ग्रसित कर देती हैं मन के विकार मनके छह प्रकार के विकार उत्पन्न होते है। इनको छह रीपु भी कहते है। यथा काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह, मात्सर्य स्वार्थ , ईर्ष्या , क्रोध , अहंकार , घमंड, अभिमान , गुस्सा , लालची स्वभाव , नास्तिक व्यवहार , असत्य ,झूठ , अपशब्द , दुष्टता, यह सब नरक के द्वार खोलते हैं और इन्हीं सबसे मनुष्य की पतन होती हैं ©person

#Motivational  इस कलयुग में 
मनुष्य ही 
असुर हैं और आसुरी भी
मन के भाव और भावनाएं दूषित हो 
तो नकारात्मक सोच 
और विकार ग्रसित कर देती हैं 
मन के विकार मनके छह प्रकार के विकार उत्पन्न होते है। इनको छह रीपु भी कहते है। यथा काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह, मात्सर्य 
स्वार्थ , ईर्ष्या , क्रोध , अहंकार , घमंड, अभिमान , गुस्सा ,
लालची स्वभाव ,
नास्तिक व्यवहार ,
असत्य ,झूठ ,
अपशब्द , दुष्टता,
यह सब नरक  के द्वार खोलते हैं 
और इन्हीं सबसे मनुष्य की पतन होती हैं

©person

इस कलयुग में मनुष्य ही असुर हैं और आसुरी भी मन के भाव और भावनाएं दूषित हो तो नकारात्मक सोच और विकार ग्रसित कर देती हैं मन के विकार मनके

10 Love

#नकारात्मकता #समस्या #समाधान #विचार  White “नकारात्मक "लोगों से दूर रहे 
उनके पास हर "समाधान" के लिए एक "समस्या" है...

©Nirupama Mishra
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