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#शायरी

बुआ के लिए शायरी 2025 नया साल बुआ के लिए शायरी

72 View

Unsplash ये सातों जन्म का साथ है इसे हम नहीं तोड़ेंगे तूने भलाई छोड़ दिया हो हमें हम तुझे नहीं छोड़ेंगे। ©Abhi

#शायरी #lovelife  Unsplash ये सातों जन्म का साथ है इसे हम नहीं तोड़ेंगे 
तूने भलाई छोड़ दिया हो हमें हम तुझे नहीं छोड़ेंगे।

©Abhi

#lovelife शायरी मोहब्बत के लिए

6 Love

#अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻‍♀️ #दूसरे_स्त्री #जीवनपर्यंत #जिंदा_लाश #भविष्य #पुरुष

एक स्त्री को #जिंदा_लाश बनाकर अपना #भविष्य अच्छा बनाने के लिए #दूसरे_स्त्री के साथ रहने वाला #पुरुष #जीवनपर्यंत प्रेम के लिए तरसता है..🖊️

72 View

सुबह के 5 बज चुके है तो जमाने ए बंदिश खैर एक खयाल एक गजल देखिए रातों की नींद से (अदावत/ दुश्मनी) हो गई है हमे भी ज़माने के रिवाजों से (कदूरत/ नफरत) हो गई है ज़माने- ए- बंदिश में कैद है (आबरू/ इज्जत) ) हमारी अब खुद को ही खामोश कर रही है खामोशी हमारी (मशगूल-ए- महफिल /मिलना जुलना) नही है रही अब फितरत हमारी मशरूफ-ए-बेरुखी जिंदगी खुद से हमारी हिदायत-ए -दिल है की मुखातिब हो ज़माने से क्यों हया-ए- आबरू खौफ से गुजरे जिंदगी हमारी (मशरूफ/व्यस्त,) (बेरुखी/नाराजगी,)( हिदायत/ सलाह ,) (मुखातिब/ सामना,) (हया ए आबरू/ शर्म) ,(खौफ/ डर) इस गजल का सीधा सा मतलब है 4 लोगो क्या कहेंगे इसे बेफिकर होकर जियो निर्मला पुत्र सिद्धांत परमार ©Rahul Varsatiy Parmar

#foryoupapa  सुबह के 5 बज चुके है तो

जमाने ए बंदिश

खैर एक खयाल एक गजल देखिए
रातों की नींद से (अदावत/ दुश्मनी) हो गई है
हमे भी ज़माने के रिवाजों से (कदूरत/ नफरत) हो गई है
ज़माने- ए- बंदिश में कैद है (आबरू/ इज्जत) ) हमारी
अब खुद को ही खामोश कर रही है खामोशी हमारी
(मशगूल-ए- महफिल /मिलना जुलना)
 नही है रही अब फितरत हमारी
मशरूफ-ए-बेरुखी जिंदगी खुद से हमारी
हिदायत-ए -दिल है की मुखातिब हो ज़माने से
क्यों हया-ए- आबरू  खौफ से गुजरे जिंदगी हमारी

(मशरूफ/व्यस्त,) (बेरुखी/नाराजगी,)( हिदायत/ सलाह ,) (मुखातिब/ सामना,) (हया ए आबरू/ शर्म) ,(खौफ/ डर) 

इस गजल का सीधा सा मतलब है 4 लोगो क्या कहेंगे  इसे बेफिकर होकर जियो
निर्मला पुत्र सिद्धांत परमार

©Rahul Varsatiy Parmar

#foryoupapa जिंदगी खुद के लिए जियो समाज के लिए नही #

19 Love

#अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻‍♀️ #टुकड़े #शायरी #जिंदा #मतलब #जरूर

अगर इंसान 100 #टुकड़े के बाद भी #जिंदा रहता तो सब अपने #मतलब के लिए एक-एक टुकड़ा #जरूर रखते..🖊️ #अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻‍♀️

153 View

White ❤️तुम जिंदा इसलिए नहीं कि तुम पर खुदा मेहरबान है बल्कि जिंदा इसलिए हो कि तुम्हारे लिए कोई जिंदा है।❤️ ©Ganesh Din Pal

#विचार #❤️  White ❤️तुम जिंदा इसलिए नहीं  कि 
तुम पर खुदा मेहरबान है 
बल्कि जिंदा इसलिए हो कि 
तुम्हारे लिए कोई जिंदा है।❤️

©Ganesh Din Pal

#❤️ तुम जिंदा हो

16 Love

#शायरी

बुआ के लिए शायरी 2025 नया साल बुआ के लिए शायरी

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Unsplash ये सातों जन्म का साथ है इसे हम नहीं तोड़ेंगे तूने भलाई छोड़ दिया हो हमें हम तुझे नहीं छोड़ेंगे। ©Abhi

#शायरी #lovelife  Unsplash ये सातों जन्म का साथ है इसे हम नहीं तोड़ेंगे 
तूने भलाई छोड़ दिया हो हमें हम तुझे नहीं छोड़ेंगे।

©Abhi

#lovelife शायरी मोहब्बत के लिए

6 Love

#अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻‍♀️ #दूसरे_स्त्री #जीवनपर्यंत #जिंदा_लाश #भविष्य #पुरुष

एक स्त्री को #जिंदा_लाश बनाकर अपना #भविष्य अच्छा बनाने के लिए #दूसरे_स्त्री के साथ रहने वाला #पुरुष #जीवनपर्यंत प्रेम के लिए तरसता है..🖊️

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सुबह के 5 बज चुके है तो जमाने ए बंदिश खैर एक खयाल एक गजल देखिए रातों की नींद से (अदावत/ दुश्मनी) हो गई है हमे भी ज़माने के रिवाजों से (कदूरत/ नफरत) हो गई है ज़माने- ए- बंदिश में कैद है (आबरू/ इज्जत) ) हमारी अब खुद को ही खामोश कर रही है खामोशी हमारी (मशगूल-ए- महफिल /मिलना जुलना) नही है रही अब फितरत हमारी मशरूफ-ए-बेरुखी जिंदगी खुद से हमारी हिदायत-ए -दिल है की मुखातिब हो ज़माने से क्यों हया-ए- आबरू खौफ से गुजरे जिंदगी हमारी (मशरूफ/व्यस्त,) (बेरुखी/नाराजगी,)( हिदायत/ सलाह ,) (मुखातिब/ सामना,) (हया ए आबरू/ शर्म) ,(खौफ/ डर) इस गजल का सीधा सा मतलब है 4 लोगो क्या कहेंगे इसे बेफिकर होकर जियो निर्मला पुत्र सिद्धांत परमार ©Rahul Varsatiy Parmar

#foryoupapa  सुबह के 5 बज चुके है तो

जमाने ए बंदिश

खैर एक खयाल एक गजल देखिए
रातों की नींद से (अदावत/ दुश्मनी) हो गई है
हमे भी ज़माने के रिवाजों से (कदूरत/ नफरत) हो गई है
ज़माने- ए- बंदिश में कैद है (आबरू/ इज्जत) ) हमारी
अब खुद को ही खामोश कर रही है खामोशी हमारी
(मशगूल-ए- महफिल /मिलना जुलना)
 नही है रही अब फितरत हमारी
मशरूफ-ए-बेरुखी जिंदगी खुद से हमारी
हिदायत-ए -दिल है की मुखातिब हो ज़माने से
क्यों हया-ए- आबरू  खौफ से गुजरे जिंदगी हमारी

(मशरूफ/व्यस्त,) (बेरुखी/नाराजगी,)( हिदायत/ सलाह ,) (मुखातिब/ सामना,) (हया ए आबरू/ शर्म) ,(खौफ/ डर) 

इस गजल का सीधा सा मतलब है 4 लोगो क्या कहेंगे  इसे बेफिकर होकर जियो
निर्मला पुत्र सिद्धांत परमार

©Rahul Varsatiy Parmar

#foryoupapa जिंदगी खुद के लिए जियो समाज के लिए नही #

19 Love

#अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻‍♀️ #टुकड़े #शायरी #जिंदा #मतलब #जरूर

अगर इंसान 100 #टुकड़े के बाद भी #जिंदा रहता तो सब अपने #मतलब के लिए एक-एक टुकड़ा #जरूर रखते..🖊️ #अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻‍♀️

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White ❤️तुम जिंदा इसलिए नहीं कि तुम पर खुदा मेहरबान है बल्कि जिंदा इसलिए हो कि तुम्हारे लिए कोई जिंदा है।❤️ ©Ganesh Din Pal

#विचार #❤️  White ❤️तुम जिंदा इसलिए नहीं  कि 
तुम पर खुदा मेहरबान है 
बल्कि जिंदा इसलिए हो कि 
तुम्हारे लिए कोई जिंदा है।❤️

©Ganesh Din Pal

#❤️ तुम जिंदा हो

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