White चापलूसी का चक्र
बॉस की हर बात पर सिर हिलाना,
नहीं तो खैर नहीं, ये जान लो यार।
उनके आगे झुकना, उनका गुणगान,
बिना चापलूसी के न मिलेगी कोई बहार।
जिसको करनी है चापलूसी,
उसका दुम हिलाना जरूरी है।
खुश रहने का यही है नुस्खा,
सच कहने से तो सबकी ख़ुशी अधूरी है।।
काम से ज्यादा, ये फ़र्ज़ निभाना,
बिना दुम हिलाए, क्या होगा, ये जानना।
चमचागिरी में है सबकी भलाई,
सच्चाई के लिए अब कौन करे तैयारी?
बातों में मिठास, चेहरे पर मुस्कान,
सच्चाई को भूलकर, यही है आसान।
मीटिंग में सबको हंसाना,
जितनी तारीफें, उतना मान बढ़ाना।
जो चुप रहे, उसे समझो नकारा,
इस खेल में झूठे सपनों का है सारा।
सच्चाई की राह में कांटे ही कांटे,
दुम हिलाने वाले हैं सबसे आगे।
काम से ज्यादा, अब ये फ़र्ज़ निभाना,
दुम हिलाने वाला, सबका यार और सच्चा ज्ञानी।
©Navneet Thakur
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