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राधा के संग रास रचाया, मुरलीधर ने मीत बनाया,
गोपाल की ग्वालिन संग, बाल लीलाएं खूब सजाया।
जन्माष्टमी का पर्व पावन, प्रेम और भक्ति का संदेश,
कृष्ण के रंग में रंग जाएं, जीवन में भरें उमंग विशेष।
माखन चुराया, मटकी फोड़ी, नटखट कन्हैया कहलाए,
माता यशोदा की गोद में, सबको मोहित कर जाए।
कंस के कारागार में जन्मा, फिर मथुरा का नायक बना,
कुरुक्षेत्र में ज्ञान दिया, गीता का सार समझाया।
मोर मुकुट सिर पर सजाए, नंदलाल सबके मन भाए,
हर दिल में प्रेम जगाएं, कृष्ण की महिमा गाएं।
कृष्णा जन्माष्टमी की बेला, प्रेम, भक्ति का ये मेला,
हरे कृष्णा, हरे मुरारी, हर ओर गूंजे कृष्णा नाम।
कृष्ण जन्माष्टमी पर ये सन्देश,हर दिल में हो प्रेम और वेश,
कृष्णा की मूरत बस जाए,हर घर में खुशी छा जाए।
©Ajita Bansal
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