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New आठवड्याच्या अखेरचे हवामान खाते Status, Photo, Video

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White नजरों से नज़र चुराते हैं.... मिल जाए कहीं तो राह बदल जाते है.... कैसे कह दूँ मैं उनको बेवफा.... जो आज भी मेरे नाम की कसमें खाते हैं.... ©Manmarzi Shayar

#sad_quotes  White नजरों से नज़र चुराते हैं....
मिल जाए कहीं तो राह बदल जाते है....
कैसे कह दूँ मैं उनको बेवफा....
जो आज भी मेरे नाम की कसमें खाते हैं....

©Manmarzi Shayar

#sad_quotes नजरों से नज़र चुराते हैं.... मिल जाए कहीं तो राह बदल जाते है.... कैसे कह दूँ मैं उनको बेवफा.... जो आज भी मेरे नाम की कसमें खाते ह

10 Love

White सच में जीत गया या हार गया धोखे खाते हुए भी एक पल सोचता था कि उसके साथ कुछ गलत ना हो जो मेरे साथ गलत कर गया बेईमानों की टोली में सवार है,वो जो आज कल का ही बना है बेईमान ईमान बेचकर घर चलता है जिनका उनके साथ बैठा हुआ सोचता है कि उसके साथ कभी नहीं होगा ये अंजाम वैसे तो हर कदम से पहले 100 बार सोचता था जो , एक खुशी के पीछे 100 खुशी गवा बैठा मैंने ऐसे भी देखा है एक पागल इंसान ©shayariwaladoctor

#Quotes  White सच में जीत गया या हार गया 
धोखे खाते हुए भी एक पल सोचता था कि 
उसके साथ कुछ गलत ना हो जो मेरे साथ गलत कर गया
 बेईमानों की टोली में सवार है,वो जो आज कल का ही बना है बेईमान
 ईमान बेचकर घर चलता है जिनका
 उनके साथ बैठा हुआ सोचता है कि
 उसके साथ कभी नहीं होगा ये अंजाम 
वैसे तो हर कदम से पहले 100 बार सोचता था जो ,
एक खुशी के पीछे 100 खुशी गवा बैठा
 मैंने ऐसे भी देखा है एक पागल इंसान

©shayariwaladoctor

सच में जीत गया या हार गया धोखे खाते हुए भी एक पल सोचता था कि उसके साथ कुछ गलत ना हो जो मेरे साथ गलत कर गया बेईमानों की टोली में सवार है,वो

9 Love

White ग़ज़ल  मौत थीं सामने  ज़िन्दगी चुप रही  दर्द के दौर मैं  हर खुशी चुप रही   जिसकी आँखों ने लूटा मेरे चैन को  बंद आँखें  वही मुखबिरी चुप रही  दीन ईमान वो बेच खाते  रहे  जिनके आगे मेरी बोलती चुप रही  बोलियां जो बहुत बोलते थे यहाँ उन पे कोयल की जादूगरी चुप रही वो जो मरकर जियें या वो जीकर मरें देखकर यह बुरी त्रासदी चुप रही ।। बाढ़ में ढ़ह गये गाँव घर और पुल । और टेबल पे फ़ाइल पड़ी चुप रही ।। देखकर ख़ार को हम भी खामोश थे । जो मिली थी प्रखर वो खुशी चुप रही ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  White ग़ज़ल 
मौत थीं सामने  ज़िन्दगी चुप रही 
दर्द के दौर मैं  हर खुशी चुप रही 

 जिसकी आँखों ने लूटा मेरे चैन को 
बंद आँखें  वही मुखबिरी चुप रही 

दीन ईमान वो बेच खाते  रहे 
जिनके आगे मेरी बोलती चुप रही 

बोलियां जो बहुत बोलते थे यहाँ
उन पे कोयल की जादूगरी चुप रही

वो जो मरकर जियें या वो जीकर मरें
देखकर यह बुरी त्रासदी चुप रही ।।

बाढ़ में ढ़ह गये गाँव घर और पुल ।
और टेबल पे फ़ाइल पड़ी चुप रही ।।

देखकर ख़ार को हम भी खामोश थे ।
जो मिली थी प्रखर वो खुशी चुप रही ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल  मौत थीं सामने  ज़िन्दगी चुप रही  दर्द के दौर मैं  हर खुशी चुप रही   जिसकी आँखों ने लूटा मेरे चैन को  बंद आँखें  वही मुखबिरी चुप रही 

11 Love

White नजरों से नज़र चुराते हैं.... मिल जाए कहीं तो राह बदल जाते है.... कैसे कह दूँ मैं उनको बेवफा.... जो आज भी मेरे नाम की कसमें खाते हैं.... ©Manmarzi Shayar

#sad_quotes  White नजरों से नज़र चुराते हैं....
मिल जाए कहीं तो राह बदल जाते है....
कैसे कह दूँ मैं उनको बेवफा....
जो आज भी मेरे नाम की कसमें खाते हैं....

©Manmarzi Shayar

#sad_quotes नजरों से नज़र चुराते हैं.... मिल जाए कहीं तो राह बदल जाते है.... कैसे कह दूँ मैं उनको बेवफा.... जो आज भी मेरे नाम की कसमें खाते ह

10 Love

White सच में जीत गया या हार गया धोखे खाते हुए भी एक पल सोचता था कि उसके साथ कुछ गलत ना हो जो मेरे साथ गलत कर गया बेईमानों की टोली में सवार है,वो जो आज कल का ही बना है बेईमान ईमान बेचकर घर चलता है जिनका उनके साथ बैठा हुआ सोचता है कि उसके साथ कभी नहीं होगा ये अंजाम वैसे तो हर कदम से पहले 100 बार सोचता था जो , एक खुशी के पीछे 100 खुशी गवा बैठा मैंने ऐसे भी देखा है एक पागल इंसान ©shayariwaladoctor

#Quotes  White सच में जीत गया या हार गया 
धोखे खाते हुए भी एक पल सोचता था कि 
उसके साथ कुछ गलत ना हो जो मेरे साथ गलत कर गया
 बेईमानों की टोली में सवार है,वो जो आज कल का ही बना है बेईमान
 ईमान बेचकर घर चलता है जिनका
 उनके साथ बैठा हुआ सोचता है कि
 उसके साथ कभी नहीं होगा ये अंजाम 
वैसे तो हर कदम से पहले 100 बार सोचता था जो ,
एक खुशी के पीछे 100 खुशी गवा बैठा
 मैंने ऐसे भी देखा है एक पागल इंसान

©shayariwaladoctor

सच में जीत गया या हार गया धोखे खाते हुए भी एक पल सोचता था कि उसके साथ कुछ गलत ना हो जो मेरे साथ गलत कर गया बेईमानों की टोली में सवार है,वो

9 Love

White ग़ज़ल  मौत थीं सामने  ज़िन्दगी चुप रही  दर्द के दौर मैं  हर खुशी चुप रही   जिसकी आँखों ने लूटा मेरे चैन को  बंद आँखें  वही मुखबिरी चुप रही  दीन ईमान वो बेच खाते  रहे  जिनके आगे मेरी बोलती चुप रही  बोलियां जो बहुत बोलते थे यहाँ उन पे कोयल की जादूगरी चुप रही वो जो मरकर जियें या वो जीकर मरें देखकर यह बुरी त्रासदी चुप रही ।। बाढ़ में ढ़ह गये गाँव घर और पुल । और टेबल पे फ़ाइल पड़ी चुप रही ।। देखकर ख़ार को हम भी खामोश थे । जो मिली थी प्रखर वो खुशी चुप रही ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  White ग़ज़ल 
मौत थीं सामने  ज़िन्दगी चुप रही 
दर्द के दौर मैं  हर खुशी चुप रही 

 जिसकी आँखों ने लूटा मेरे चैन को 
बंद आँखें  वही मुखबिरी चुप रही 

दीन ईमान वो बेच खाते  रहे 
जिनके आगे मेरी बोलती चुप रही 

बोलियां जो बहुत बोलते थे यहाँ
उन पे कोयल की जादूगरी चुप रही

वो जो मरकर जियें या वो जीकर मरें
देखकर यह बुरी त्रासदी चुप रही ।।

बाढ़ में ढ़ह गये गाँव घर और पुल ।
और टेबल पे फ़ाइल पड़ी चुप रही ।।

देखकर ख़ार को हम भी खामोश थे ।
जो मिली थी प्रखर वो खुशी चुप रही ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल  मौत थीं सामने  ज़िन्दगी चुप रही  दर्द के दौर मैं  हर खुशी चुप रही   जिसकी आँखों ने लूटा मेरे चैन को  बंद आँखें  वही मुखबिरी चुप रही 

11 Love

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