vinay kumar

vinay kumar

सीधी साधी सी शक्सियत हूं ज़िन्दगी की दौड़ में लगा हूं शायद जीत जाऊं मगर रुकने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता चलते रहना ही मेरी ज़िदंगी है मुसाफ़िर हो ठहरा।

  • Latest
  • Popular
  • Video