किसी ने पूछा,
तुम इश्क मोहौब्बत पर क्यों लिखती हो? क्या माँ - बाप से प्यार नहीं ?
मैंने भी मुस्कुरा कर कह दिया,
जो माँ - बाप को स्याही में निचोडे़,
इतनी कलम की औकात नहीं।
-dil se
क्या कहूँ तुझे...
तू तो एक खुली किताब है।
जब भी लगा पढ़ लिया तुझे ,
तुझमें खुला एक नया राज है।
न जाने कभी पढ़ पाऊँगी तुझे,,
या ये जिंदगी यूं ही निकल जाएगी.....
तुझे समझते - समझते ।।
- दिल से
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