#mohabbatein
जीने के लिए चाहा था तुम्हें, तुम्हें चाहने के लिए जीने लगे अब।
सांसें वस्ल से पहले थम भी जाए, फिक्र कहां.. इस बात की अब।
इस जिंदगी से आस नहीं कुछ, बस..अगली तुम्हारे साथ दे रब।
चांद..सगुन में लेके आऊंगा, उनसे रिश्ते की बात बने जब।
तारों से बारात सजेगी, जुगनू - भंवरे नाचेंगे सब।
दिल में आग लगाने वाली..आंखें तेरी हरजाई है,
ज़ख़्म गहरे और जलन जान पर बन आई है।
जुल्फ़ों से सहलाती हवा..क्या बेमिसाल दवाई है,
होठों के लेप ने भी.. ख़ूब राहत पहुंचाई है।
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here