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अभी तो खेल रहा हूँ शब्दों के माया जाल से, देखना है कब तक मुक्कमल हो पाता हूँ......
चोट मिलती रही, मैं चलता रहा। ज़ख्म बढ़ते रहे, मैं सिलता रहा।। ना देखा कभी, मुड़कर राहों को। होते रहे ज़ख्मी, निज पाँवों को।। बना नादान मैं, बस खिलता रहा। ज़ख्म बढ़ते रहे, मैं सिलता रहा।। पी लिया दर्द तभी, गले लगाकर। जी गया मैं सभी, गम को भुलाकर।। जल रात भर मैं, बस पिघलता रहा। ज़ख्म बढ़ते रहे, मैं सिलता रहा।। चोट मिलती रही, मैं चलता रहा। ज़ख्म बढ़ते रहे, मैं सिलता रहा।। ©#राji,,,,💞💞💞💞
#राji,,,,💞💞💞💞
7 Love
किसी रिश्ते की डोर में इतनी भी खिंचाव न हो कि वो डोर ही टूट जाये फिर आप कितनी भी सफाई से लगा लो उसमे प्रेम के गाँठ पर वो जोड़ हमेसा ही एक रुकावट का अहसास देंगे ही। ©#राji,,,,💞💞💞💞
8 Love
फैल गया हैं हर तरफ आज नफ़रतों का अंधेरा, कोई तो ऐसा आये जो अमन का चराग़ जलाए। ©#राji,,,,💞💞💞💞
9 Love
रोम रोम में श्याम नाम को, जिसने भी हैं बसाया। उसका जीवन सुख में बिता, अंत में मोक्ष भी पाया।। ©#राji,,,,💞💞💞💞
प्रेम कर सँवारे से,ले मज़े जीवन के लूट, मिलेगा तुझको श्री चरण,जो प्राण जाएँगे छूट। ©#राji,,,,💞💞💞💞
10 Love
खुद को बेगुनाह साबित करते करते, हम भी एक गुनाहगार ही बन गए। ©#राji,,,,💞💞💞💞
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