वह सहती है कहती कुछ नही,
गलतियां माफ़ करती है सबकी ,
उसे खुद गलती का हक़ नही,
तमाम उम्र गुजार दी दूसरों की ख़ातिर,
ख़ुद के लिये उसे एक पल का वक़्त नही
वह सहती है सब,कहती कुछ नहीं।
बहन बन कर अभिमान बनती वो
14 Love
ये कोई आतंकवादी नहीं भई,
ये तो हमारी सरकार है।
सुनो , अब हमें किसी की मदद
की जरूरत नहीं रही दंगा और
हत्या जैसी छोटी घटनाओं के लिये,
हमारी मौजूदा सरकार तो इसकी सरदार है।
हमारी हिन्दुस्तानी सभ्यता कहा खो रही है,
आय दिन क्यो राजनीति देश की बद से बत्तर हो रही है,
क्यो लोगो के मन से कानून का खौफ़ खत्म हो रही है,
क्यो दूष्कर्म पहले की तुलना में अब ज्यादा हो रही है,
क्यो नेताये मौन है, क्यो ये चु तक नही कहती,
और क्यो कानून की धज्जियां उड़ा कर भी दोषी है बेख़ौफ़ यहाँ रहती।
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