दुबारा मेरे को वो पहले वाली जिंदगी जीनी है #साहब
ना ही इश्क ना ही प्यार ना ही मोहब्बत
और
ना ही इतना मीठा सा दर्द_ना ही तन्हाई,
*बस में और मेरी #चाय" बहुत सुकून था जिन्दगी में,
वहीं दुबारा जिन्दगी जीनी है _
इस खामोशी और अकेलापन से घुटन सी होने लगी है _
यह निगाहें भी उसकी राहें देखते_देखते धूंधली सी हो गयी,
दुबारा वो जोकर लोगों वाली जिंदगी जीनी है _उसमें हंसी तो थी #जनाब" ना ही कोई फरेब,
और
इस जिन्दगी में लोगों ने बहुत मुखौटे पहन रखे हैं _कुछ चंद मिनटों की खुशी तो मिलती है __पर पुरी जिन्दगी दर्द के सिवा कुछ नहीं __
दुबारा पहले वाली जिंदगी जीनी है ।
~ ChouDharY_kiran_13
©teri_yade
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