Jyotika

Jyotika

● "मुझे समझना तेरी बस की बात नहीं , सोच बुलंद कर ...या सोचना छोड़ दें !! ● एक दिन में ही पढ़ लोगे क्या मुझे?? मैंने खुद को लिखने में कई साल लगाए हैं !! " ● " बहुत शोर है मेरे अंदर मैं कविताओं में अपनी भावनाएं लिखती हूं पढ़ने वालों जरा संभल के"

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