मैंने सारी जिंदगी एक नजर की तमन्ना में गुज़ारी है प्यार भरी नजर क्या क्या नहीं किया मैंने उस नजर के लिए शायर बना, मजदूरी की, पैसा जमा किया, सोने और चाँदी के ढेर लगाये मगर वो नजर वो एक नजर मेरे हिस्से का मुक्कदर ना बन सकी _परिजाद
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