यूं अचानक से दिल तोड़ जाने के बाद।
वो और याद आ रहा है छोड़ जाने के बाद।
और आहिस्ता आहिस्ता मेरे सारे जख्म भर रहे थे,कोई फिर से तोड़ गया मुझे जोर जाने के बाद।
@singh shubham7...
कभी खुद को तो कभी सपना सजाइए।
हमें भी राज की बातें बताइए।
एक अरसा गुज़ार दिया हमने भी आपके एक जरा सी दीदार के लिए,
हकीकत में नहीं तो ख्वाबों में ही सही,कभी तो अपना चेहरा दिखाइए।
@singh shubham...
इश्क़ की गली बंजर किए फिरते हैं।
ये दुनिया वाले शब्दों के खंजर लिए फिरते है।
जो जरा सी बात पे आंसू बहा दे वो और लोग होंगे,
हम तो आंख में समंदर लिए फिरते हैं।
@ singh Shubham...
तुझसे मिलने के इंतज़ार में।
बहुत देर से खड़े हैं कतार में।
और लोग तो अब इश्क़ में भी मुनाफे खोजने लगे,
फिर क्या फर्क रह गया इश्क़ में और व्यापार में।
@singh shubham...
तेरे चेहरे की चमक मार ही देगी मुझको,चांद हो या कोई आफताब हो?
लोग कहते हैं कि तुम्हे समझना है नामुमकिन,क्या तुम इतनी मुश्किल किताब हो?
और तुझे चाहने वाला है रोज़ तड़पता है,इंसान हो या सदियों पुरानी शराब हो?
@singh shubham...
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here