उलझने बहुत हैं मगर रो नहीं सकती में प्यार करती हूं

"उलझने बहुत हैं मगर रो नहीं सकती में प्यार करती हूं उनसे मगर अपने अस्तित्व को खो नहीं सकती में। ©LIPIKA MAHAKUR"

 उलझने बहुत हैं मगर रो नहीं सकती में
प्यार करती हूं उनसे मगर अपने अस्तित्व 
को खो नहीं सकती में।

©LIPIKA MAHAKUR

उलझने बहुत हैं मगर रो नहीं सकती में प्यार करती हूं उनसे मगर अपने अस्तित्व को खो नहीं सकती में। ©LIPIKA MAHAKUR

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