"स्वार्थ और लोभ के तुम क्यों पड़े हो फेर में,
अरे जिंदगी को जीना है तो जी लो तुम चैन से।
लालच और मोह को तुम छोड़ क्यों नही देते हो,
मानस हो तो मानस रहो जानवर क्यों बनते हो।
दूसरों की बहन बेटियों पर तुम रहम करो
ना करो ऐसा गर ,आदमी तुम बन सको।।
@वकील साहब
©love you zindagi
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