मालिक ए जागीर हुआ जब भी तेरा नाम अपने नाम से जोड़ कर देखा
एक जिंदा लाश था मैं जब कभी सपने में हाथ तेरे हाथों से छोड़ कर देखा
मंजिलें नजर आती रही हाथों में हाथ ले कर तेरा
एक घना अंधेरा देखा जब भी कभी पैर तुझ से पीछे मोड़ कर देखा
©khanpuri write
#darkness