हर मौसम में ख़ाली-पन की मजबूरी हो जाओगे
इतना उस को याद किया तो पत्थर भी हो जाओगे
हँसते भी हो रोते भी हो आज तलक तो ऐसा है
जब ये मौसम साथ न देंगे तस्वीरी हो जाओगे
हर आने जाने वाले से घर का रस्ता पूछते हो
ख़ुद को धोका देते देते बे-घर भी हो जाओगे
जीना मरना क्या होता है हम तो उस दिन पूछेंगे
जिस दिन मिट्टी के हाथों की तुम मेहंदी हो जाओगे
छोटी छोटी बातों को भी इतना सजा कर लिखते हो
ऐसे ही तहरीर रही तो बाज़ारी हो जाओगे
©I M MALIK
#feelingsad ,खाली पन