जितनी जरूरते है उतनी ही कमी है वरना क्या जरुरत आस | हिंदी Shayari

"जितनी जरूरते है उतनी ही कमी है वरना क्या जरुरत आसमा नापने की ©संजय parihar"

 जितनी जरूरते है उतनी ही कमी है 
वरना क्या जरुरत आसमा नापने की

©संजय parihar

जितनी जरूरते है उतनी ही कमी है वरना क्या जरुरत आसमा नापने की ©संजय parihar

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