1)छूटे हुए हाथों का छूटना अब और नही अखरता
पड़ चुका है अब फ़र्क इतना कि अब फ़र्क नही पड़ता !!
2)मुझे छोड़कर वो खुश है तो शिकायत कैसी,
अब मैं उन्हें खुश भी ना देखूं तो मोहब्बत कैसी
3)लौटा जो सज़ा काट के बिना जुर्म के
घर आ के उसने सारे परिंदे रिहा किये
©Aman Ruhela
#saath