तुम्हें किया बताऊं अपनी बात???
में अपनो को अनजान की तरहा पास से गुजरते देखा हूं...
पल भर में लोगो को बदलते देखा हूं..
अब किसी से कोई मतलब नहीं
कियूंकी मेरे अपने उम्मीदों को भी आंखो से जलता देखा हूं....
अब कोई ख्वाइस नहीं जिंदगी से कोई दिलासा नहीं
कियूंकि खुद की परछाई को भी अंधेरे में मेरा साथ छोड़ता देखा हूं...
मुझे तकदीर को अपनाने की बात मत करो?
टूट टूट कर अपनी पसंदिका चीजों से खुद को बिछड़ता देखा हूं😔😔😔 !
©Kanhu Charan Bishoyi
please mera sath dijiye...