White न रहे अब इंतज़ार आँखों में न रही तलाश फिर से
खुद को पाने की जरूरी नहीं की रातों में सिर्फ तन्हाई और मोहब्बत ही जागे यह तो बस बदनामीयां है ज़माने की आँखे और निंदे तो फिर भी खुल जाती है कभी आहटों से तो कभी सन्नाटों से
©SAHIL KUMAR
#good_night हिंदी शायरी