"दीदार-ए-यार में एक अलग सा मजा है
जो कर लिया दीदार तो फिर ये सजा है
घूमता है उसका चेहरा
आँख में शाम और शहर
जैसे नगीने को मिल गई हो आँख
अये शनम तू भी मेरे दिल मे झाक
मेरा दिल जैसे तेरा हो गया हो मुरीद
बहुत जोर से धड़कता है जब भी हो तेरी दीद
- नदीम हुसैन
©Nadeem Hussain"