*आषाढ़ का महीना में,मन बहुत व्याकुल सा था..!
फ़िर मैंने सोचा याद कर लूंगा किसी और को लेकिन..!
आषाढ़ का महीना भी याद दिला गया..!
ज्ञान दर्पण साक्षात गुरु का करा दिया...!
अर्थात=> इस संसार में गुरू का ज्ञान जहां _जहां तक गया
वहां वहां तक गुरू के चरणों से मानो कि फूलों का पूरा बाग गया हो*.!
अतः=>गुरु पूर्णिमा पर हार्दिक* शुभकामनाएं गुरु जी*..!
©Sumit sahu