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शरद पूर्णिमा उत्सव हमको, केवल यही बताता है।
किरणपुंज इस भू पर आकर, अमृतमय हो जाता है।।
सबसे निकट चंद्रमा होता, आज रात इस पृथ्वी पर।
सोलह सभी कलायें खिलतीं , इंद्रधनुष सी धरती पर।।
लक्ष्मी श्री का शुभ आराधन, सबको सुखद बनाता है।।
किरणपुंज इस भू पर आकर..........
रात सुई में धागा डालो, नेत्र ज्योति बढ़ जायेगी।
खीर खिलाओ खुद भी खाओ, उम्र बहुत बढ़ जायेगी।।
जो कोजागर होकर रहता, वो ही प्रभु को पाता है।।
किरणपुंज इस भू पर आकर............
कृष्ण मनाते महारास हैं, शिव गोपेश्वर हो जाते।
महारास की इस लीला में, मन वृंदावन हो जाते।।
अंतर्मन आनंदित होता, उत्सव मुदित मनाता है।।
जो कोजागर होकर रहता..........
©IG @kavi_neetesh
पवित्र शरद पूर्णिमा के अवसर पर
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जो कोजागर होकर रहता
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शरद पूर्णिमा उत्सव हमको, केवल यही बताता है।
किरणपुंज इस भू पर आकर, अमृतमय हो जाता है।।
सबसे निकट चंद्रमा होता, आज रात इस पृथ्वी पर।