मियाँ, ज़रा शर्म करो थोड़ी तो। ख़ुद को आला कहते फिरते हो और काम तुम्हारे कसम से दो टके के भी नहीं होते है।
Caption - खाली पीली की कूदम फादी छोड़ो, दूसरों के इशारों पर नाचना छोड़ो और अपनी कोई एक ठीक ठाक सी पहचान बनाओ। अब तो लोग भी तुम्हें एजेंट कहने लगे है, कसम से।।
#सच्ची और अच्छी बातें।।
©Abdullah Qureshi
एक भारी समझदार के लिए, दो टूक बात।। समझ जाओ भैया, क्या रखा है ग़ुलामी की ज़िंदगी में।। शान से सिर उठाकर जियो, लाला। वरना अपना चोला उतारकर फेंक दो दरिया में।। समझें, गोबर प्रसाद।