White पग-पग घूंघट , डलवाती दुनियां l
पल-पल संकट, टलवाती तिरिया l
घूंघट में नजरिया को कैद किया,
तो दूरदर्शिता का मिसाल दिया ।
फिर घूंघट से ये सीख पाई ,
जेहन में अच्छी बातें ही लाई।
पर्दा समाज में गलत धारणा से,
दिल सहज बातों के खजाने से।
घूंघट की आड़ छुपे कितनी बातें ,
और घूंघट हटे तो मीठी सौगातें ।
छुपा लो ,घूंघट कराकर सच्चाइयां ।
नूर ए सूरज, चढ़ें हराकर ऊंचाइयां ।
घूंघट की आड़ में ,नहीं मनमानियां।
समझ बूझ, उम्मीद की कहानियां।
नज़र से रक्षा, घूंघट का काम नहीं ।
घूंघट की छाप ,संस्कृति शान रहीं ।
घूंघट से सांसों की डोर बांधती ,
जिंदगी के नए आयाम संजोति।
चाहे कैद करो घूंघट में उम्र सारी ,
उड़ान के पर आसमां चूमे हमारी।
शिक्षा किरण से, घूंघट रोशन हुआ।
पूर्ण भारत आंचल ,कीर्तिमान हुआ।
©Anuradha Sharma
#good_night