चाहूं जीतू या हारू यह मुकद्दर की बात है मगर मैं को | हिंदी शायरी Video

"चाहूं जीतू या हारू यह मुकद्दर की बात है मगर मैं कोशिश छोड़ दूं या तो गलत बात है. जब तड़पता हूं मैं अकेला इस दुनिया में. यह तुम्हें नहीं दिखता है यह तो गलत बात है, कमियां तुम मेरे में देखते हो कभी अपने अंदर तो झाॅको, फैसला तो रब का है तुम्हारी क्या औकात है। ©Bharat lal "

चाहूं जीतू या हारू यह मुकद्दर की बात है मगर मैं कोशिश छोड़ दूं या तो गलत बात है. जब तड़पता हूं मैं अकेला इस दुनिया में. यह तुम्हें नहीं दिखता है यह तो गलत बात है, कमियां तुम मेरे में देखते हो कभी अपने अंदर तो झाॅको, फैसला तो रब का है तुम्हारी क्या औकात है। ©Bharat lal

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