पहली मोहब्बत की वो बातें.....
हम तुम जब मिले थे पहली बार
याद है हमें वो है एक पुरानी बात
छुप-छुपकर तुम्हें देखना वो हसीन ख्वाब
वो पास हो कर भी दुर थे
कितनी हसीन भी वो पहली मुलाक़ात
कहने से हम भी थोड़े थे हिचकिचाते
उसे खोने से हम भी तो डर जाते
दिल को हमने अब तक है संभले
पहली मोहब्बत की वो बातें.....
नजरें मिलते-जुलते थे हम दोनों के
आस-पास बैठ जाते हम भी कभी जाके
दोनों का मिलने-जुलने का ही वक्त होता था
हमें देख कर वो पलकें झुकाए करते थे
कई सालों तक हम दोनों साथ-साथ रहें
उस के नाम हमने हरके पन्ने पर लिखें
उस के लिखें नाम आज भी मौजूद है
वो पेड़ अब तक कटे नहीं है
पहली मोहब्बत की वो बातें....
मैंने उसे फिर से खोजना चाहा
पा लूं एक बार उस की झलक इतना चाहा
सब जगह तलाश की उस की मौजूदगी
फिर एक दिन मिली उस की सहेली
हमें वो शायद पहचान नहीं पाई
उस के भाई के साथ हमने कभी वक्त बिताई
नाम ही केवल याद है जो फिर मिलेंगे नहीं
पहली मोहब्बत की वो बातें......
©लेखक 01Chauhan1
मेरी कलम