White श्लोक 27
तान्समीक्ष्य स कौन्तेयः सर्वान्बन्धूनवस्थितान्।,कृपया परयाविष्टो विषीदन्निदमब्रवीत् ॥27॥
अर्थ:
जब कुन्तिपुत्र अर्जुन ने अपने बंधु बान्धवों को वहाँ देखा तब उसका मन अत्यधिक करुणा से भर गया और फिर गहन शोक के साथ उसने निम्न वचन कहे।
©Satish Yadav
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