कभी फुरसत मिली तो कुछ ख़्वाब लिखुँगा
मैं ख़ुद के ऊपर एक किताब लिखुँगा
दुनियाँ चाहे लाख खामियाँ बताये मुझमें
पर मै ख़ुद को अच्छा, ज़माने को ख़राब लिखुँगा.
©YOGESH SHARMA
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