आ गया नवरात्र माँ की भक्ति का त्यौहार ।
सज रहा है माँ भवानी का सुघर दरबार।।
रक्त वसना आभरण युत खुले कुंचित केश
सिंह पर शोभित सुकोमल शक्ति का आगार।।
उड़ रही है धूप फूलों की सुगंध सुवास
ला रहा उपहार कोई फूल कोई हार।।
ठनकता तबला सरंगी और बजता ढोल
कर रहे हैं भजन के स्वर भक्ति का संचार।।
दुर्व्यवस्था देश की है दुखी सारे लोग
नाव जर्जर भँवर में है माँ करो उद्धार।।
दुर्विचारों दुष्प्रचारों ने किया आघात
जगद्धात्री जगत जननी अब करो संहार।।
कर रहा सिंदूर अर्पण मात्र कोई धूप
पास मेरे सिर्फ श्रद्धा करो अंगीकार।।
©pragati tiwari
#navratri2020