#आखरी मुलाकात कि आखरी मुलाकात पर भी थोड़ा मुस्कु | हिंदी शायरी

"#आखरी मुलाकात कि आखरी मुलाकात पर भी थोड़ा मुस्कुरा कर मिलेंगे हम... तू मेरे कांधे पर सर रख लेना मैं तेरे कांधे पर सर रख लूंगी और यूं ही सारे गमों को भुला देंगे हम...।। तो क्या हुआ ना मिल पाए इस जन्म हम तो,इन्हीं पलों में सात जन्मों का साथ निभा लेंगे हम... और आखरी मुलाकात पर भी थोड़ा मुस्कुरा कर मिलेंगे हम...।। कहने को होगा बहुत कुछ हमारे पास पर खामोशी को भी पहचान लेंगे हम हां होगी आंखें नम हम दोनों की तो क्या उसे भी खुशी से होठों पर सजा लेंगे हम...।। पर आखरी मुलाकात पर थोड़ा मद्धम सा ही सही हां मुस्कुरा देंगे हम... हां माना कि होगा मन भारी तो क्या उसके साथ भी थोड़ा वक्त गुजार लेंगे हम, छूटते हाथों को थोड़ा संभाल लेंगे हम और वक्त से गुजारिश करके थोड़ा और वक्त मांग लेंगे हम, गले लगाकर बीते पलों को फिर से याद कर लेंगे हम... हां माना कि हमें टूटता देख ये जमाना भी रो देगा तो क्या फिर भी एक दूसरे को बाहों में समेट लेंगे हम....।। पर आखिरी मुलाकात पर भी थोड़ा मुस्कुरा कर मिलेंगे हम...मुस्कुरा कर मिलेंगे हम...।। ©priya prajapati"

 #आखरी मुलाकात

कि आखरी मुलाकात पर भी थोड़ा 
मुस्कुरा कर मिलेंगे हम... 
तू मेरे कांधे पर सर रख लेना 
मैं तेरे कांधे पर सर रख लूंगी
और यूं ही सारे गमों को भुला देंगे हम...।।
 
तो क्या हुआ ना मिल पाए इस 
जन्म हम तो,इन्हीं पलों में सात जन्मों 
का साथ निभा लेंगे हम...
और आखरी मुलाकात पर भी थोड़ा 
मुस्कुरा कर मिलेंगे हम...।।

कहने को होगा बहुत कुछ हमारे पास 
पर खामोशी को भी पहचान लेंगे हम 
हां होगी आंखें नम हम दोनों की तो क्या 
उसे भी खुशी से होठों पर सजा लेंगे हम...।।

पर आखरी मुलाकात पर थोड़ा मद्धम 
सा ही सही हां मुस्कुरा देंगे हम...

हां माना कि होगा मन भारी तो क्या 
उसके साथ भी थोड़ा वक्त गुजार लेंगे हम,

छूटते हाथों को थोड़ा संभाल लेंगे हम 
और वक्त से गुजारिश करके थोड़ा 
और वक्त मांग लेंगे हम, गले लगाकर 
बीते पलों को फिर से याद कर लेंगे हम...

हां माना कि हमें टूटता देख ये जमाना भी 
रो देगा तो क्या फिर भी एक दूसरे को बाहों में 
समेट लेंगे हम....।।

पर आखिरी मुलाकात पर भी थोड़ा मुस्कुरा 
कर मिलेंगे हम...मुस्कुरा कर मिलेंगे हम...।।

©priya prajapati

#आखरी मुलाकात कि आखरी मुलाकात पर भी थोड़ा मुस्कुरा कर मिलेंगे हम... तू मेरे कांधे पर सर रख लेना मैं तेरे कांधे पर सर रख लूंगी और यूं ही सारे गमों को भुला देंगे हम...।। तो क्या हुआ ना मिल पाए इस जन्म हम तो,इन्हीं पलों में सात जन्मों का साथ निभा लेंगे हम... और आखरी मुलाकात पर भी थोड़ा मुस्कुरा कर मिलेंगे हम...।। कहने को होगा बहुत कुछ हमारे पास पर खामोशी को भी पहचान लेंगे हम हां होगी आंखें नम हम दोनों की तो क्या उसे भी खुशी से होठों पर सजा लेंगे हम...।। पर आखरी मुलाकात पर थोड़ा मद्धम सा ही सही हां मुस्कुरा देंगे हम... हां माना कि होगा मन भारी तो क्या उसके साथ भी थोड़ा वक्त गुजार लेंगे हम, छूटते हाथों को थोड़ा संभाल लेंगे हम और वक्त से गुजारिश करके थोड़ा और वक्त मांग लेंगे हम, गले लगाकर बीते पलों को फिर से याद कर लेंगे हम... हां माना कि हमें टूटता देख ये जमाना भी रो देगा तो क्या फिर भी एक दूसरे को बाहों में समेट लेंगे हम....।। पर आखिरी मुलाकात पर भी थोड़ा मुस्कुरा कर मिलेंगे हम...मुस्कुरा कर मिलेंगे हम...।। ©priya prajapati

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