कभी मां पूछती,
कभी, बाप पूछता,
कभी पूछता है दोस्त कोई,
शहर जा के तुम भूल न जाना ,
ये कहता है हर वक्त कोई,
जिस गली में खेला मैंने,
वो भी हर वक्त बुलाती है,
आंगन को छोड़ता मैं तो,
अब वो भी सवाल दोहराती है,
वो मां खड़ी है अब है चौखट पर ,
तू कब आएगा घर यह सोच के,
ना जाने कैसे कटी रातें ,
तू कैसे होगा यह सच के,
बाप मेरा बस ऊपर से ढांढस यू बढ़ाता है,
अंदर से वो पूछता तू कब वापस अब आता है।
आंखो में आसू लेकर अब बैग मैं उठाता हूं ,
यह बोलकर मैं अपनों से ,
मैं जल्दी ही आऊगा
©Vicky Dhoni
#Oscar