"मैं प्रेम कहूँगी...तुम मेरा हाथ थाम लेना
मैं सुकून कहूँगी....तुम मुझे गले लगा लेना
मैं चांद कहूँगी ....तुम अपना चेहरा
मेरी हथेलियों में रख देना
तुम्हारे जाने के बाद भी....
जो तुम्हारी खुशबु
शामिल रहेगी हवाओं में
उसे तुम मेरी राहत समझ लेना
वो सब भी समझ लेना....
जो मैं आसानी से
कह नहीं पाती हूँ तुम्हें ....
मैं सुहानी सुबह की धुप कहूँगी...
तुम अपनी मौजूदगी समझ लेना
©shahemaya
"