अरे सुनो तुम सोच रही हो
मैं लड़का हूं......
इसीलिए खु:श रहता हूं
जो मनमानी वह करता हूं......
क्या तुमने देखा है मुझको अकेले में
कैसे जादू करता हूं.....
लाख तकलीफे आंखो में आंसू
जितना दर्द उससे कहीं
ज्यादा खु:श दिखता हूं .....
सुनो मैं लड़का हूं
इसीलिए हंसता रहता हूं......ll
©Virendra Singh Diwakar
#BadhtiZindagi अरे सुनो तुम सोच रही हो
मैं लड़का हूं......
इसीलिए खु:श रहता हूं
जो मनमानी वह करता हूं......
क्या तुमने देखा है मुझको अकेले में
कैसे जादू करता हूं.....