बीते समय से आधुनिक का दौर
युग कौतूहल को सम्मान दे रही है
होटलों पर देख पुरुषों की भीड़ भी
शिक्षित महिला का प्रमाण दे रही है
इंतजार है बेबाक सा द्वंद युद्ध का भी
मौन होना जीत का फरमान दे रही है
दफ्तरों से निकलते महिलाओं का झुण्ड
शिक्षित समाज का ये प्रमाण दे रही है
किसी श्वेत पत्र पर लिखना भी होगा
लेखनी भी उड़ने का अरमान दे रही है
देवी पूजन सर्वप्रथम हो समाज में अब
शिक्षित समाज को ये अभिमान दे रही है
विमानों को उड़ाते मेरे समाज की बेटी
तभी महिला सपनों को उड़ान दे रही है
होटलों पर देख पुरुषों की भीड़ भी
शिक्षित महिला का प्रमाण दे रही है ।।
©कुमार दीपेन्द्र
#Woman #girl