#FourLinePoetry एक खाट पर मैं बैठा था दूजी खाट पर | हिंदी कविता Video

"#FourLinePoetry एक खाट पर मैं बैठा था दूजी खाट पर कम्मो ताई, चाय गर्म और पानी पी-कर मंद-मंद मुस्काई! तनिक क्षणों में भौंहे तानकर और हाथ में लाठी थामकर, उठी, चली वोह चौखट-पर तक उलटी जूती सीधी किये कर! गुड़िया बोली माँई रुको तो जाकर पास कहा झुको तो, दी कटोरी एक हाथ में लाई थी गुड़िया जो अचार को! तभी अचानक तीतर बोला ताई ने अंतर्मन पट खोला, गुत्थी उसकी यूँ सुलझाई आज ना बाहिर जाना भाई कहे देती हैं ये कम्मो ताई!! एक खाट पर मैं बैठा था दूजी खाट पर...........!! ~ ए° के° विश्वकर्मा ©Ak vishwakarma "

#FourLinePoetry एक खाट पर मैं बैठा था दूजी खाट पर कम्मो ताई, चाय गर्म और पानी पी-कर मंद-मंद मुस्काई! तनिक क्षणों में भौंहे तानकर और हाथ में लाठी थामकर, उठी, चली वोह चौखट-पर तक उलटी जूती सीधी किये कर! गुड़िया बोली माँई रुको तो जाकर पास कहा झुको तो, दी कटोरी एक हाथ में लाई थी गुड़िया जो अचार को! तभी अचानक तीतर बोला ताई ने अंतर्मन पट खोला, गुत्थी उसकी यूँ सुलझाई आज ना बाहिर जाना भाई कहे देती हैं ये कम्मो ताई!! एक खाट पर मैं बैठा था दूजी खाट पर...........!! ~ ए° के° विश्वकर्मा ©Ak vishwakarma

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एक खाट पर मैं बैठा था!

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