(एक तरफा प्यार) निशब्द सा है समा। बहुत कुछ कहने क | हिंदी शायरी

"(एक तरफा प्यार) निशब्द सा है समा। बहुत कुछ कहने को दिल करता है। ख़ामोश सा बैठा हूं ना जाने क्यू। सोच कर ना जाने क्या शब्द - निशब्द पर टहरता है। क्या कहूं और कैसे कहूं क्योंकि एक एक शब्द में कहानियां है हज़ारों इसलिए तेरी बातों और तारीफों की तुलना शब्दों में नहीं हो सकती। तुझे तो सिर्फ महसूस किया जा सकता है। शब्दों में कैसे फिर करदू बयां। एक तेरी मुस्कुराहट और मासूमियत पर दिल मारता है निशब्द सा है समा। पर बहुत कुछ कहने का दिल करता है। निशब्द सा है समा। पर बहुत कुछ कहने का दिल करता है। #Lokeshpal #shabdkarita"

 (एक तरफा प्यार)

निशब्द सा है समा।
बहुत कुछ कहने को दिल करता है।
ख़ामोश सा बैठा हूं ना जाने क्यू।
सोच कर ना जाने क्या 
शब्द - निशब्द पर टहरता है।
क्या कहूं और कैसे कहूं
क्योंकि एक एक शब्द में कहानियां है हज़ारों
इसलिए तेरी बातों और तारीफों की तुलना
शब्दों में नहीं हो सकती।
तुझे तो सिर्फ महसूस किया जा सकता है।
शब्दों में कैसे फिर करदू बयां।
एक तेरी मुस्कुराहट और मासूमियत पर
दिल मारता है
निशब्द सा है समा।
पर बहुत कुछ कहने का दिल करता है।
निशब्द सा है समा।
पर बहुत कुछ कहने का दिल करता है।

#Lokeshpal 
#shabdkarita

(एक तरफा प्यार) निशब्द सा है समा। बहुत कुछ कहने को दिल करता है। ख़ामोश सा बैठा हूं ना जाने क्यू। सोच कर ना जाने क्या शब्द - निशब्द पर टहरता है। क्या कहूं और कैसे कहूं क्योंकि एक एक शब्द में कहानियां है हज़ारों इसलिए तेरी बातों और तारीफों की तुलना शब्दों में नहीं हो सकती। तुझे तो सिर्फ महसूस किया जा सकता है। शब्दों में कैसे फिर करदू बयां। एक तेरी मुस्कुराहट और मासूमियत पर दिल मारता है निशब्द सा है समा। पर बहुत कुछ कहने का दिल करता है। निशब्द सा है समा। पर बहुत कुछ कहने का दिल करता है। #Lokeshpal #shabdkarita

(एक तरफा प्यार)

निशब्द सा है समा।
बहुत कुछ कहने को दिल करता है।
ख़ामोश सा बैठा हूं ना जाने क्यू।
सोच कर ना जाने क्या
शब्द - निशब्द पर टहरता है।
क्या कहूं और कैसे कहूं

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