*देहप्रेम*
कुछ पुरुषों को मैनें बहुतों बार देखा है
जो स्त्री के वक्ष पर आकर रुक जाते हैं
वक्षों की ऊँचाई देख गिर जाते हैं
घूरने लगते हैं शरीर की बनावट को
और नापने लगते हैं नाभी की गहराई
हम बिस्तर होने को कहते हैं प्रेम
और हो जाते है देहप्रेम के शिकार
इसके विपरीत कुछ स्त्रियां
इसे ही मान लेती है सच्चा प्यार
कर देती है अपना सबकुछ समपर्ण
समय के साथ वक्षों में होता है परिवर्तन
और वो पुरूष निकल जाते हैं
नये वक्षों की तलाश में
नई नाभी की लालसा में....
©Bhavdeep Saini
*देहप्रेम*
कुछ पुरुषों को मैनें बहुतों बार देखा है
जो स्त्री के वक्ष पर आकर रुक जाते हैं
वक्षों की ऊँचाई देख गिर जाते हैं
घूरने लगते हैं शरीर की बनावट को
और नापने लगते हैं नाभी की गहराई
हम बिस्तर होने को कहते हैं प्रेम