दिल में राज कुछ गहरे है इनमें गमों के पहरे हैं ह | हिंदी कविता

"दिल में राज कुछ गहरे है इनमें गमों के पहरे हैं हम बस उन्हीं पर ठहरे हैं हां बस इसलिए होठ सीए बैठे हैं (ख्याल_ए_स्मिता) : ©Mrs Smita Sandeep Raghuvanshi"

 दिल में राज कुछ गहरे है
 इनमें गमों के पहरे हैं 
हम बस उन्हीं पर ठहरे हैं 
हां बस इसलिए होठ सीए बैठे हैं
(ख्याल_ए_स्मिता)






:

©Mrs Smita Sandeep Raghuvanshi

दिल में राज कुछ गहरे है इनमें गमों के पहरे हैं हम बस उन्हीं पर ठहरे हैं हां बस इसलिए होठ सीए बैठे हैं (ख्याल_ए_स्मिता) : ©Mrs Smita Sandeep Raghuvanshi

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